April 26, 2024

बिपिन रावत के तेवर से चिढ़ा चीन, कहा- सीमा पर बिगड़ सकते हैं हालात

बीजिंग,15 जनवरी (इ खबरटुडे)। आर्मी चीफ बिपिन रावत के बयान से चीन भड़क गया है. चीन का कहना है कि जनरल का बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएगा. चीन ने आरोप लगाया कि ऐसे बयानों से सीमा पर हालात और तनावपूर्ण होंगे.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने जनरल बिपिन रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीते एक साल में भारत और चीन के संबंधों में काफी उथल-पुथल रही है. पिछले साल भारत-चीन के रिश्तों ने कुछ उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन पिछले साल सितंबर में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात में रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनमें आम राय बनी थी.

शांति प्रक्रिया पर पड़ेगा असर

लू कांग ने कहा कि ऐसी कोशिशों के बीच भारत के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से ऐसी टिप्पणी रचनात्मक नहीं है. यह बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतार सकती है. ऐसी बयानबाजी दोनों देशों के संबंधों को बेहतर करने के प्रयासों पर विपरीत असर डालेगी. इससे सीमा पर शांति बनाए रखने की प्रक्रिया पर भी असर पड़ सकता है. लू ने कहा कि चीन और भारत अहम पड़ोसी हैं. वे राष्ट्रीय विकास एवं उत्थान के निर्णायक चरण में हैं. दोनों देशों को सामरिक संवाद बढ़ाना चाहिए, सामरिक संदेह दूर करना चाहिए और सामरिक सहयोग संचालित करना चाहिए.

डोकलाम पर चीन ने जताया हक

प्रवक्ता ने कहा कि हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह दोनों नेताओं की ओर से बनी आम राय के बाद के कदमों पर काम करे ताकि सीमाई इलाकों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के उपाय किए जा सकें और ऐसी चीजों से परहेज किया जाए जिससे हालात जटिल होते हों. जरूरी मामलों को रचनात्मक तरीके से संभाला जाए और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास को बढ़ावा दिया जाए. इससे समूचे क्षेत्र एवं भारतीय पक्ष के साझा हित सधेंगे. एक सवाल के जवाब में लू कांग ने जनरल बिपिन रावत के बयान का हवाला देते हुए कहा कि डोकलाम पर हमारा रुख साफ है. डोकलाम चीन का हिस्सा है और हमेशा चीन के अधिकार क्षेत्र में रहा है.

बिपिन रावत ने कहा था- चीन मजबूत तो भारत भी कमजोर नहीं

दो दिन पहले ही जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के साथ-साथ पूर्वी सीमा पर भी ध्यान देने की जरूरत है. जनरल ने कहा था कि चीन अगर मजबूत है तो भारत भी अब कमजोर नहीं है. भारत  अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा. अब हालात 1962 जैसे नहीं है. हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है. रावत ने यह भी कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास बीजिंग की ओर से दबाव बनाया जा रहा है.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds