April 25, 2024

तीन शिक्षकों पर 88 स्कूली छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप

अरुणाचल प्रदेश\पापुम पारे,30 नवंबर(इ खबरटुडे)। पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के एक स्कूल की तीन महिला शिक्षकों पर छात्राओं से जबरन कपड़े उतरवाने का एक मामला पुलिस में दर्ज करवाया गया है. आरोप है कि इन शिक्षकों ने सज़ा के तौर पर सबके सामने 88 छात्राओं के कपड़े उतरवाए. घटना पापुम पारे जिले के न्यू सागली स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की है.पिछले 23 नवंबर को हुई इस घटना के बाद आल सागली स्टूडेंट यूनियन ने स्कूल के तीन शिक्षकों के ख़िलाफ़ सागली थाने में एक मामला दर्ज करवाया है. स्टूडेंट यूनियन ने स्कूल की शिक्षिका थीनले वांगमू थोंगडोक, संगीता खालखो और नबाम जानू पर छात्राओं के जबरन कपड़े उतरवाने का आरोप लगाया. हालांकि पुलिस केवल 14 छात्राओं के ही कपड़े उतरवाए जाने की बात कह रही है.
जिला पुलिस अधीक्षक तम्मे अमो ने मीडिया से बातचीत में घटना की पुष्टि की. उन्होंने बताया, “स्कूल के प्रिंसिपल और किसी महिला टीचर के ख़िलाफ़ भद्दे शब्दों वाली चिट बरामद होने की बात सामने आई है. कहा जा रहा है कि इस चिट में दोनों के बीच अफ़ेयर होने की बात लिखी थी.”हमसे कहा गया कि छात्राओं में से किसी ने चिट लिखी है. इस बात का भी पता चला है कि कुछ शिक्षकों ने छठी और सातवीं क्लास की 14 छात्राओं को कपड़े उतारने की सज़ा दी.”
अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं
फ़िलहाल इस मामले को ईटानगर स्थित राज्य के एकमात्र महिला थाने को सौंपा गया हैं. एफ़आईआर करने वाले सगाली स्टूडेंट यूनियन के नेताओं से भी जानकारी हासिल की जा रहीं हैं. इस मामले में अभी किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी तक पीड़ित छात्राओं या फिर उनके अभिभावकों की तरफ़ से भी पुलिस में कोई शिकायत नहीं की गई है.
जबकि एफ़आईआर करने वाले सगाली स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष तेली रूंघी ने कहा, “मामले की ख़बर मिलने के बाद हमने स्कूल के शिक्षकों से मुलाकात की थी. तब ‘कपड़े उतरवाने’ की कोई बात शिक्षकों ने नहीं बताई. लेकिन जब स्कूल से बाहर निकले तो पीड़ित छात्राओं ने पूरी घटना की जानकारी दी.” तेली रूंघी ने आरोप लगाया कि “स्कूल की तीन महिला शिक्षकों ने चिट को लेकर पूछताछ में छठी और सातवीं क्लास की 88 छात्राओं को स्कूल के बरामदे में खड़ा कर कपड़े उतरवाए. इनमें से 14 छात्राओं के कपड़े सबके सामने खुलवा दिए गए. इनके बदन पर केवल अंदर पहनने वाले कपड़े थे.” “हम चाहते हैं कि पुलिस इन शिक्षकों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करें. वरना हमारा संगठन इन बच्चों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेगा.”

स्कूल में एक छात्रा कर चुकी आत्महत्या
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एक आवासीय स्कूल है, जहां इस समय 120 छात्राएं पढ़ रहीं हैं. छात्र नेता तेली रूंघी कहते है कि स्कूल में यह पहली घटना नहीं है. करीब दो साल पहले एक छात्रा ने यहां आत्म हत्या कर ली थी. इलाके में रहने वाले अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट यूनियन के एक पूर्व नेता नबाम तामोर ने कहा, “स्कूल में बच्चों को ऐसी अमानवीय सज़ा देने की बात काफ़ी चिंताजनक है. ऐसे शिक्षकों को स्कूल में रखना बच्चों के लिए ठीक नहीं होगा.अरुणाचल प्रदेश में अभी शिक्षा व्यवस्था में बहुत सुधार करने की ज़रूरत है, क्योंकि इस तरह के आवासीय स्कूलों में बच्चे बहुत दूर दराज से पढ़ने आते है.

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