April 26, 2024

संस्थाओं को मंदिर के समान पवित्र मानकर नि:स्वार्थ भाव से काम करना होगा

सहकारी सप्ताह का उद्घाटन करते हुए श्री माडगे ने कहा

रतलाम,14 नवंबर (इ खबरटुडे)। भारतीय राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष तथा सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष माडगे ने यहां कहा कि सहकारिता में प्रबंधन महत्वपूर्ण है प्रशासन नहीं। दुग्ध समितियों का नेटवर्क बढऩा चाहिए। दुनिया में सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन भारत में होता है और यहीं सबसे ज्यादा दुग्ध समितियां भी है।

इनका नेटवर्क बढऩा चाहिए, क्योंकि इसमें समिति ही प्रमुख है, सरकार का हस्तक्षेप नहीं के बराबर है, जबकि सेवा सहकारी संस्थाओं की संख्या कम है और इसमें सरकार का हस्तक्षेप अधिक है।

श्री माडगे ने जिला सहकारी संघ द्वारा आयोजित सहकारी सप्ताह के प्रथम दिन ग्राम जड़वासा कला में दुग्ध समिति में आयोजित सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि सहकारी क्षेत्र को विकसित करने का काम दुग्ध समितियों के माध्यम से हो सकता है। संस्थाओं को मंदिर के समान पवित्र मानकर नि:स्वार्थ भाव से काम करना होगा, तभी यह संस्थाएं फल-फूल सकेगी। संस्थाओं को स्वयं के बल पर आत्म निर्भर बनाना होगा, स्वयं के संसाधन तैयार करना होंगे। सरकार की मदद की अपेक्षा से संस्थाएं कभी लम्बे समय तक काम नहीं कर पाती।

श्री माडगे ने कहा कि एक समय जो संस्था के सदस्य एक बाटल दूध समिति के माध्यम से दिया करते थे वहां 950 लीटर दूध देने की क्षमता बनी है। उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियों के माध्यम से भी लोगों को अधिक आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है, क्योंकि इसमें मौसम की मार का असर नहीं होता, जबकि फसलों पर मौसम का असर होता है। वर्ष भर पशुधन दुध दे सके, इतनी व्यवस्था लोगों को करना चाहिए, ताकि उनकी स्थाई आमदानी में वृद्धि होगी। उन्होंने संस्थाओं के प्रबंधन और व्यवसाय पर भी प्रकाश डाला।

दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं पर ध्यान दे रहे है-श्री शर्मा
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उज्जैन दुग्ध संघ के उपाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा ने संस्था की प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि विगत वर्षों में दुग्ध संघ ने काफी प्रगति की है और आज दुध सप्लाय के क्षेत्र में दुग्ध संघ काफी सक्षम भी हुआ है। अन्य उत्पादन भी डेयरी में होने लगे है, जिसकी मांग भी बड़ रही है। उन्होंने कहा कि दुग्ध समितियों को सक्षम बनाने की दृष्टि से भी काफी उपाय किए जा रहे है। दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं की ओर ध्यान देने के लिए हम संकल्पबद्ध है और प्रशिक्षण की योजनाएं भी बनाई जा रही है ताकि दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सके और अधिक से अधिक किसान दुग्ध समितियों से जुड़े।

समितियां बढ़ी है-श्री झाला
दुग्ध संघ के संचालक सत्यनारायण झाला ने दुग्ध समितियों के सदस्यों के समक्ष आ रही कठिनाईयों का जिक्र किया और कहा कि वे विगत 27 वर्षों से दुग्ध संघ के सदस्य है। इन वर्षों में समितियां भी बढ़ी है और सदस्य भी। उन्होंने जिला संघ की सराहना की और कहा कि यह संस्था सहकारी क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने में निरंतर प्रयत्नशील है।

लोग सहकारी आंदोलन से जुड़े-श्री गोयल
सहकार भारती मालवा प्रांत अध्यक्ष रामचंद्र गोयल ने कहा कि सहकारी आंदोलन को तभी गति मिल सकती है जब लोग संस्कारित होकर इस आंदोलन से जुड़े। आज देशभर में इस संस्था के माध्यम से सहकारी संस्थाओं की समस्याओं को हल करने का काम किया जा रहा है। नई समितियां गठित की जा रही है और अधिक से अधिक लोगों को सहकारी आंदोलन से जोड़ा जा रहा है।

सहकारिता का प्रचार-प्रसार जिला संघ का लक्ष्य है-श्री जोशी
प्रारंभ में संस्था अध्यक्ष शरद जोशी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि सहकारिता के माध्यम से सुशासन एवं व्यवसायिकरण को बढ़ावा मिले इस पर ध्यान दिया जा रहा है। आज से सहकारी सप्ताह प्रारंभ हो रहा है। सहकारिता का प्रचार-प्रसार जिला संघ का लक्ष्य है और अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह सहकारी आंदोलन से जुड़े। सहकारी संगठन अपने आप में एक समुदाय है। यह अपने क्षेत्र में विकास और अन्य सामाजिक सुधार कर सकता है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में गठित विभिन्न सहकारी समितियां लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है, इससे आर्थिक सुदृढ़ता भी बड़ी है। उपायुक्त सहकारिता परमानंद गोडरिया, बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष बाबूलाल कर्णधारा, संस्था जड़वासाकला के उपाध्यक्ष अभिषेक पाटीदार ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर सहकार भारती के जिलाध्यक्ष सुभाष मंडवारिया, पूर्व सरपंच छोगालाल पाटीदार, दुग्ध समिति के सदस्य महेश शर्मा, जिला संघ प्रतिनिधि सुरेश पाटीदार, दुग्ध संयत्र के प्रबंधक श्री गुप्ता, सरपंच श्रीमती भागवंताबाई भरतलाल पाटीदार, दुग्ध संघ के पूर्व प्रबंधक विजय मजूमदार, सुपरवाईजर पी.के. भट्ट, अनिल तनपुरे, श्री चौहान, बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक शैलेष खरे, जिला संघ के जनसंपर्क अधिकारी पिंकेश भट्ट, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के परियोजना अधिकारी गिरिराजसिंह राठौर, संस्था बांगरोद के अध्यक्ष कैैलाशचंद्र गेहलोत, दुग्ध संस्था जड़वासाकला के सचिव गोवर्धन पाटीदार, विपेन्द्र पाटीदार, ओमप्रकाश पटेल, जगदीश पाटीदार, लखन पाटीदार, कैलाश पाटीदार, बद्रीलाल, बालाराम पाटीदार, जगदीश प्रजापत, मांगीलाल धुलजी, बाबूलाल धुलजी, ईश्वरलाल रामचंद्र, सत्यनारायण नेताजी आदि उपस्थित थे।

संचालन संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिरूद्ध शर्मा ने किया तथा आभार दुग्ध संस्था जड़वासाकला के अध्यक्ष ठा. प्रदीपसिंह सिसौदिया (गुड्डूबना) ने माना।

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