April 25, 2024

अतिक्रमण कर बनाया अवैध गिरजाघर,गांव में विवाद की स्थिति,ग्रामीणों ने कलेक्टर से की अवैध निर्माण हटाने की मांग

रतलाम,4 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। जिले की रावटी तहसील के आदिवासी बहुल गांव मोलावा में शासकीय वन भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध गिरजाघर बनाने का मामला सामने आया है। इसाई मिशनरीज के  इन कार्यों से गांव में तनाव का वातावरण बन गया है। मोलावा के आदिवासियों ने बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन देकर उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग की है।
कलेक्टर तन्वी सुन्द्रियाल को दिए ज्ञापन में  मोलावा के आदिवासियों ने बताया कि मोलावा में सर्वे न.८६२ की शासकीय वन भूमि पर गांव के सुखदेव पिता बाबू मुनिया द्वारा अवैध रुप से अतिक्रमण कर बिना अनुमति के एक कमरे का निर्माण किया गया और बाद में उक्त कमरे के उपर क्रास का निशान लगाकर इसे गिरजाघर का रुप दे दिया गया। इस अवैध निर्माण के कारण गांव का सार्वजनिक मार्ग भी अवरुध्द कर दिया गया है।
पूर्व में ग्रामवासियों ने इस अवैध निर्माण की शिकायत रावटी तहसीलदार को की थी। इस शिकायत की जांच राजस्व निरीक्षक और पटवारी द्वारा की गई थी। इस जांच से भी यह स्पष्ट हो गया था कि २० गुणा ४० फीट आकार का उक्त अवैध निर्माण शासकीय वन भूमि पर बिना किसी अनुमति के किया गया है। जांच रिपोर्ट के बावजूद तहसीलदार द्वारा उक्त अवैध निर्माण को हटाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई।
इस अवैध गिरजाघर में सुखदेव द्वारा इसाई मिशनरीज के लोगों को बुलवाकर आदिवासियों के धर्मपरिवर्तन की गतिविधियां भी शुरु कर दी गई है। बाहर के अन्य स्थानों से भी इस अवैध गिरजाघर में लोगों का आना जाना शुरु हो गया है। इसाई मिशनरीज की इन अवांछित गतिविधियों के कारण गांव में असन्तोष और तनाव का वातावरण बन गया है,जिसके कारण कभी भी कानून व्यवस्था भंग हो सकती है।
गांव में बढते तनाव को देखते हुए मोलावा ग्रामपंचायत ने भी इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए विगत पन्द्रह अगस्त को ग्रामसभा में भी प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
ग्राम के आदिवासियों ने बुधवार को कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि शासकीय वन भूमि पर किए गए इस अवैध निर्माण को तत्काल हटाया जाए,अन्यथा गांव की शांति भंग हो सकती है। यदि अवैध अतिक्रमण हटाया नहीं गया और गांव में शांति भंग हुई तो इसकी सारी जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।

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