April 24, 2024

नौकरी नहीं चाहिए, दोषियों पर कार्रवाई चाहिए: शिवराज से बोले मंदसौर के पीड़ित

मंदसौर,14 जून (इ खबरटुडे)।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर पहुंचे। वे किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिवारों से मिले। सीएम के दौरे से पहले मंदसौर में धारा 144 को हटा लिया गया था। जब शिवराज एक मृतक के परिजन से मिले तो उन्होंने कहा कि हमें सरकारी नौकरी या मदद नहीं चाहिए। हम बस दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं। इसके बाद सीएम ने कहा कि इस मामले को वे खुद देख रहे हैं और दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा। उधर, कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दूसरे नेता भोपाल में 72 घंटे का उपवास शुरू करेंगे। सिंधिया को एक दिन पहले ही मंदसौर में एंट्री नहीं मिली थी।
सीएम पुलिस कार्रवाई में मारे गए घनश्याम (32) के पिता दर्गालाल से मिले। लाठीचार्ज में घायल होने के बाद घनश्याम को इंदौर ले जाया गया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पिता ने कहा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कारवाई हो। हमें सरकारी नौकरी या सहायता राशि नहीं चाहिए। बस दोषियों पर कार्रवाई हो। इसके बाद सीएम महिलाओं से मिलने घर के भीतर पहुंचे। यहां पत्नी रेखा से आक्रोश में आकर कहा कि आप पुलिस को गोली चलाने का आदेश दे सकते हो क्या? इस पर सीएम खामोश हो गए। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं खुद इस मामले का देख रहा हूं, दोषियों को दंड मिलेगा।सीएम ने घनश्याम की 2 महीने की बेटी वंशिका को गोद लिया। शिवराज ने कहा कि घनश्याम का 4 साल का बेटा रघुदनंदन और बेटी वंशिका अब सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार इनके लिए सहायता राशि के अलावा हर संभव मदद करेगी। बता देंं कि मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। शांति की अपील करते हुए शिवराज ने अनशन भी किया था।
मारे गए किसान कहां से थे?
इस किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 6 किसान की मौत हो गई थी। 32 साल के घनश्याम बड़वन से थे। इसके अलावा 40 साल के कन्हैयालाल चिल्लौद पिपलिया के रहने वाले थे।5 साल के बबलू टकरावद और 17 साल के अभिषेक बरखेड़ापंत से थे। वहीं, चैनराम नयाखेड़ा के रहने वाले थे।
सिंधिया और हार्दिक को लिया था हिरासत में
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को जावरा के रास्ते मंदसौर जाने की कोशिश की थी। पुलिस ने उन्हें मंदसौर-जावरा सीमा पर टोल के पास रोककर हिरासत में ले लिया था। सिंधिया के अलावा सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व मंत्री महेंद्रसिंह कालूखेड़ा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने सिंधिया को सेक्शन 144 लागू होने के चलते मंदसौर में घुसने की मंजूरी नहीं दी।
इससे पहले हार्दिक मंगलवार सुबह करीब 10 बजे राजस्थान-एमपी बॉर्डर से सटे नयागांव पहुंचे थे। उनके साथ जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश कटियार भी मौजूद थे। हार्दिक ने जैसे ही मध्य प्रदेश में एंट्री की वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हार्दिक को रोकने के लिए पुलिस ने महू-नसीराबाद हाईवे बंद कर दिया था।
राहुल भी नहीं पहुंच पाए थे मंदसौर
राहुल गांधी भी 8 जून को किसानों के परिवारों से मिलने के लिए राजस्थान के उदयपुर से एमपी के मंदसौर के लिए निकले थे। राहुल ने पुलिस से बचने के लिए कार-बाइक से सफर किया। करीब 3 किमी पैदल भी चले। इसके बाद भी वे मंदसौर नहीं पहुंच पाए। उन्हें पुलिस ने नीमच से पहले ही हिरासत में ले लिया। पुलिस राहुल को एक गेस्ट हाउस में ले गई। वहां वे करीब 4 घंटे तक रहे। पुलिस ने उन्हें यह इलाका छोड़ने के लिए कहा, लेकिन वे किसानों के परिवार वालों से मिलने की जिद पर अड़े रहे। एडमिनिस्ट्रेशन ने उनकी बात फोन पर किसानों के परिवार से कराई। रिहा होने के बाद शाम को राहुल ने राजस्थान में परिवारों से मुलाकात की थी।

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