March 29, 2024

नगर निगम का बजट प्रस्तुत,बहस 4 अप्रैल को (budget of corporation presented,debate on 4th april)

रतलाम,28 मार्च (इ खबरटुडे)। नगर निगम परिषद् के बजट सत्र में महापौर शैलेन्द्र डागा ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट बुधवार को निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल को  प्रस्तुत किया। बजट में 1 अरब 43 करोड़ 56 लाख 90 हजार रुपए की संभावित आय तथा 1 अरब 42 करोड़ 63 लाख 52 हजार रुपए का व्यय प्रस्तुत करते हुए 93 लाख 38 हजार की बचत दर्शाई गई है। महापौर शैलेन्द्र डागा ने बजट में सम्पूर्ण सूबे में पहली मर्तबा झुग्गी क्षेत्रों में बीपीएल हितग्राहियों को एक रुपया प्रतिमाह की दर पर नल कनेक्शन दिए जाने की अनूठी योजना प्रस्तुत की है। वहीं अन्य कई योजनाओं को शामिल किया है। बजट पर बहस अब 4 अप्रैल को होगी। अपने बजट भाषण में महापौर शैलेन्द्र डागा ने कहा कि शहर के सम्पूर्ण विकास तथा नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाते हुए शहर के सौंदर्यीकरण एवं व्यवस्थापन का प्रयास इस बजट के माध्यम से किया गया है। लंबित कार्यों को हम शीघ्र ही मूर्तरुप देंगे।

अनूठी योजना – बजट में शहर के झुग्गी क्षेत्र में रहने वाले हजारों बीपीएल हितग्राही परिवारों को समुचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु प्रतिदिन 1 रुपए अर्थात 30 रुपए प्रतिमाह की दर पर नल कनेक्शन किए जाने का प्रावधान 25 लाख रुपए से रखा गया है। यह कार्य धोलावाड़ योजना का द्वितीय चरण पूर्ण होने के बाद यिान्वित किया जाना प्रस्तावित है। यदि यह योजना साकार रुप ले लेती है तो देश में झुग्गीवासियों को न्यूनतम दर पर नल कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने की दिशा में एक ांतिकारी कदम होगा। वही युआईडी एसएसएमटी योजना के तहत शांतिनगर टंकी को धोलावाड़ से जोड़े जाने के बाद कस्तूरबा नगर की निर्माणाधीन टंकी को भी मुख्य पाईप लाईन से जोड़ा जाएगा। योजना का शेष कार्य वर्षान्त तक पूर्ण होने की संभावना।

स्थायी आय – नगर निगम स्वामित्व की विवादास्पद ऋणग्रस्त सम्पत्तियों के निराकरण की दिशा में प्रयास कर नेहरू स्टेडियम को बैंक बंधक से मुक्त करवाया गया। सुभाष शॉपिंग काम्पलेक्स दुकानों में आवंटन प्रकरण का शासन स्तर पर निराकरण कर आवंटन की प्रयिा प्रचलन में है। इससे निगम को स्थायी आमदनी प्राप्त होगी। इसी तरह नगर निगम की आर्थिक स्थिति को दीमक की तरह चाट रहे राजीव गांधी सिविक सेन्टर के ऋण भार से भी इस वर्ष हम मुक्त हो सकेंगे।

सौंदर्यीकरण – सड़कों के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण हेतु 1 करोड़ 25 लाख का बजट। मरम्मत हेतु 3 से 6 करोड़ रुपए। सीमेंट-काींट हेतु 75 लाख से 2 करोड़ रुपए। डब्ल्यूबीएम सड़क-नाली निर्माण हेतु 50-50 लाख रुपए। बरबड़ हनुमान मंदिर, बालाजी मंदिर क्षेत्र सौंदर्यीकरण हेतु 5 लाख रुपए।

त्रिवेणी कुण्ड सौंदर्यीकरण व यज्ञशाला निर्माण हेतु 50 लाख रुपए।

निर्माण – काटजू नगर, कस्तूरबा नगर पैदल पुल निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपए, जावरा फाटक एवं प्रताप नगर रेलवे समपार पर अण्डर ब्रिज निर्माण हेतु 50 लाख रुपए। पीपीपी योजना अन्तर्गत सर्वसुविधायुक्त उद्यान एवं वाटर पार्क की योजना 10 लाख रुपए।  गुमटियों के स्थान पर नजूल से भूमि प्राप्त कर दुकानें बनवाना। इंदिरा नगर में गुमटियों के स्थान पर पक्की दुकानों का निर्माण हेतु 2 करोड़ रुपए।

नवीनीकरण – पोलोग्राउण्ड एवं गांधीनगर क्षेत्र में निर्मित अम्बेडकर भवना के नवीनीकरण हेतु 15 लाख रुपए।

विकास कार्य – कालिका माता क्षेत्र सौंदर्यीकरण 30 लाख रुपए, अमृत सागर तालाब के गंदे नाले डायवर्शन हेतु 50 लाख रुपए। महिलाओं के लिए पृथक से मेले एवं चैत्र नवरात्रि में तीन दिनी मेला हेतु 10 लाख रुपए।

–     शव वाहन य कर रोगी कल्याण समिति को उपलब्ध करवाए जाने हेतु।

–     सफाई व्यवस्था हेतु नए संसाधन य।

–     आवारा मवेशियों पर नियंत्रण हेतु गौशाला, कांजी हाऊस का निर्माण।

–     शहीद चौक चौराहे पर इंडिया गेट सौंदर्यीकरण हेतु 20 लाख रुपए।

जीर्ण-शीर्ण देवालयों की मरम्मत हेतु प्रावधान।

–     टैंकरों से जलापूर्ति हेतु प्रति टैंकर राशि 200 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए।

–     प्रत्येक वार्ड में विकास कार्य हेतु पार्षद निधि 6 लाख के स्थान पर 7 लाख रुपए निर्धारित किया जाना।

–     सैलाना रोड एवं करमदी रोड पर यात्रियों की सुविधा हेतु बस स्टैण्ड निर्माण हेतु 10 लाख रुपए।

–     खिलाड़ियों के लिए नए टेबल टेनिस एवं बेडमिटन कोर्ट का निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपए।

–     राष्ट्रीय राज्य व जिला स्तरीय खेलकूद स्पर्धा हेतु 4 लाख रुपए।

 

 

 

50 फीसदी विलम्ब शुल्क माफ किए जाने के प्रस्ताव पर तकरार

 

रतलाम,28 मार्च (इ खबरटुडे)। बजट में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव लाया गया है जिसमें जल प्रदाय शुल्क पर लिए जाने वाले विलम्ब शुल्क को 25 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत करने तथा जलकर बकायादारों को विलम्ब शुल्क में 50 प्रतिशत तक की छूट दिए जाने का प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि विपक्ष का कहना था कि पूर्व में जल कर में 90 रुपए से 110 रुपए की जो वृध्दि की गई है, उसे भी 50 प्रतिशत कम किया जाए। इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन में तीखी बहस हुई। बाद में बहुमत के आधार पर प्रस्ताव को शासन को भेजे जाने पर सहमति बनी।

बजट में उल्लेखित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष विमल छिपानी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि यह प्रस्ताव चोर को ईनाम और ईमानदार को सजा देने जैसा है क्योंकि जो बकायादार वर्षों से जल कर की बकाया राशि जमा नहीं करवा रहे हैं, उन्हें बकाया राशि के विलम्ब शुल्क पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है, जबकि कई ईमानदार उपभोक्ता समय से राशि का भुगतान कर रहे हैं। ऐसे प्रस्ताव का विपक्ष विरोध करता है। इतना ही नहीं, जब एक दिन छोड़कर शहर में जलप्रदाय हो रहा है तो गत वर्ष जलकर में की गई 30 रुपए प्रतिमाह की वृध्दि को भी वापस लेने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महापौर अपने घोषणा पत्र में शहर को प्रतिदिन पानी देने की बात कही थी, लेकिन युआईडी एसएसएमटी योजना का गत वर्ष पूर्ण होने वाला कार्य अभी तक अधूरा है। जल कार्य पर लगातार खर्च बढ़ता जा रहा है और अवैध नल कनेक्शनधारी बकाया राशि नहीं चुका रहे हैं। ऐसे में बकायादारों को बड़ी छूट का क्या औचित्य है?

उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई कि प्रत्येक वार्ड में वर्ष 2011-12 में 2-2 नलकूप खनन की जो घोषणा की गई थी, उस पर आज तक अमल नहीं हुआ है। थावरिया बाजार टंकी का निर्माण भी नहीं हो पाया है।

30 लाख की छूट मिलेगी – जलकर विलम्ब शुल्क में संशोधन से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुए श्री सोमानी ने बताया कि जिन जलकर बकायादारों पर विलम्ब शुल्क बकाया है, उसमें से 25 प्रतिशत का 50 फीसदी माफ करने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाना बजट में प्रस्तावित है। वर्ष 2011 में जलकर पर निगम का 2 करोड 84 लाख 275 रुपए बकाया है, जिसमें से 13 प्रतिशत की वसूली हो चुकी है। पैनल्टी के रुप में 25 प्रतिशत राशि लगभग 61 लाख 21 हजार रुपए होगी, जिसमें से 50 प्रतिशत की छूट 30 लाख रुपए होती है। उन्होंने बताया कि जल कार्य पर निगम प्रतिवर्ष 7 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन बदले में ढाई करोड़ रुपए की ही आय होती है। ऐसे में बकायादारों से बकाया राशि वसूले जाने हेतु यह प्रस्ताव लाया गया है क्योंकि अवैध कनेक्शन को वैध करवाने की लोगों की हैसियत ही नहीं है।

मात्र 168 वैध हुए – श्री सोमानी ने बताया कि अवैध कनेक्शन को वैध करवाने के लिए पूर्व में 3 माह की छूट वित्तीय वर्ष में दी जाती थी, जिसमें वर्ष 2010-11 में 198 कनेक्शन वैध हुए, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में पूरे वर्ष की छूट दिए जाने के बावजूद भी 168 कनेक्शन ही वैध हो पाए हैं, जबकि नलकूपों पर बिजली व्यय 3 लाख से बढ़कर 11 लाख रुपए तक जा पहुंचा है। शहर में लगभग 5 हजार अवैध नल कनेक्शन हैं, यदि परिषद् इस बात की स्वीकृति प्रदान करे कि शहर के प्रत्येक वार्ड में अवैध कनेक्शनधारियों के खिलाफ कार्रवाई हो, तो बकायादारों के विरुध्द कार्रवाई में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में नलकूप खनन का कार्य करवाएंगे, थावरिया बाजार में उसी स्थान पर टकी निर्माण होगा। युआईडी एसएसएमटी योजना का कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।

तीखी और सीधी बहस – श्री छिपानी द्वारा सदन में उठाए गए प्रश्नों का जब जवाब जल कार्य समिति प्रभारी पवन सोमानी ने देना आरम्भ किया तो दोनों पक्षों के बीच लगभग 30 मिनट तक सीधी और तीखी तकरार होती रही। अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने कई मर्तबा विपक्ष को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन असतोष बढ़ता ही गया। अध्यक्ष को एक बार तो यह भी कहना पड़ा कि यदि ठेकेदार ने काम नहीं किया तो क्या उसे फांसी लगा दें?  विपक्ष का कहना था कि सत्ता पक्ष गुमराह कर रहा है, जो गत वर्ष में हो चुका है उसकी रामायण और महाभारत सुनने नहीं आए हैं। श्री सोमानी का कहना था कि जब नेता प्रतिपक्ष ने सदन में कोई आरोप लगाया है तो उसका उन्हें जवाब भी सुनना पड़ेगा। हम रामायण सुनाने और महाभारत के लिए नहीं आए हैं बल्कि विकास की बात कर रहे हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान 19 बार कहा कि आरोप लगाया है तो जवाब तो सुनना पड़ेगा। विपक्ष को सुनने की आदत डालना चाहिए। विपक्षी सदस्यों द्वारा उन्हें अपने उद्बोधन के दौरान बार-बार टीका-टिप्पणी किए जाने के बावजूद वे (श्री सोमानी) डटे रहे और उन्होंने नलकूप खनन में हुई देरी की सिलसिलेवार जानकारी रखी। कई मर्तबा सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर माहौल को गर्मा दिया।

 

 

सदन में उठा मामला

 

निगम के बजट  सत्र में हाल ही में जलप्रदाय विभाग के रेकॉर्ड को नष्ट किए जाने का ताजा घटनाम भी सुर्खियों में बना रहा। जब विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लचर प्रशासनिक व्यवस्था का आरोप लगाया तो सत्तापक्ष ने कहा कि पहली बार कड़क कार्रवाई हुई है।

नेता प्रतिपक्ष विमल छिपानी ने जलप्रदाय विभाग के रेकॉर्ड को हाल ही में शरारती तत्वों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जब महत्वपूर्ण रेकॉर्ड ही नष्ट कर दिया गया है तो फिर कैसे बकायादारों के खिलाफ मुहिम चलेगी? उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज करवाई कि एक ओर तो घटना के दौरान कार्यालय का ताला खोले जाने की बात सामने आई है लेकिन एफ.आई.आर. में ताला तोड़ना बताया गया है। यह विरोधाभास क्यों?

इस आरोप का जवाब देते हुए जलकार्य समिति प्रभारी श्री सोमानी ने कहा कि घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, हमने मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़क कार्रवाई की है। काउटर प्रभारी का अगले ही दिन तबादला कर दिया है। दो मर्तबा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। महापौर ने जल कार्य विभाग प्रभारी एस.एस. राजावत को नोटिस भी भेज दिया है। पुलिस ने जांच आरम्भ कर दी है, हमें जिस पर आशंका है, उसके बारे में भी बताया जा चुका है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस मामले ने जब सदन में तूल पकड़ना आरम्भ किया तो अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए दोनों ही पक्षों को यह कहकर शांत किया कि एजेंडे के बिन्दु पर ही चर्चा करें, विषय से भटकें नहीं।

विचार रखे – सदन में पार्षद श्रीमती यास्मीन शैरानी, मुबारिक खान, एमआईसी सदस्य सीमा टांक, बलवीरसिंह सोढ़ी, राजीव रावत, नासिर कुरैशी, मोहम्मद अली, मनोज दीक्षित, एल्डरमेन सुभाष दवे, मुन्नालाल शर्मा, गोपाल सोलंकी, विधायक प्रतिनिधि रजनीकांत व्यास सहित अन्य ने भी विचार रखे। श्रीमती टांक ने कहा कि जिस गति से महंगाई बढ़ रही है, उस गति से आय बढ़ाने के लिए भी बजट में समुचित कार्ययोजना तैयार की गई है। हम सभी प्रस्तावों का समर्थन करते हैं।

 

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