April 25, 2024

नई परिभाषायें बनाने वाला व्यक्तित्व शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के जन्मदिवस पर विशेष

.अजय वर्मा

व्यक्ति का व्यक्तित्वए उसके विचारए व्यवहार और व्यवसाय पर आधारित होता हैद्य कहा जाता हैए व्यक्ति जैसा सोचता है। धीरे.धीरे वह वैसा ही हो जाता है। व्यक्तित्व का निर्माण व्यवसायिक प्रतिबद्धताओं से भी होता है। देश काल परिस्थितियाँ व्यवहार के निर्धारक होते हैं। सामाजिक जीवन में सक्रिय कार्यकर्ता का व्यक्तित्व कार्य और व्यवहार से बनता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व की उदारताए सहृदयताए संवेदनशीलता और सज्जनता के अद्भुत संयोजन से ऐसा व्यक्तित्व निर्मित हुआ हैए जिसने राजनेताए प्रशासकए संगठक और कार्यकर्ता की सभी भूमिकाओं में सरलए सहजए उदारए स्नेही व्यक्तित्व की नई परिभाषाएं बनाई हैं।

सहिष्णु राजनेता
दूरदर्शिता.तात्कालिकताए दृढ़ता.विनम्रता और आत्मीयता.सहृदयता का अदभुत संयोजन है। दुष्टों के साथ वज्र से कठोर और सज्जनों के साथ फूल से कोमल व्यवहार उनके व्यक्तित्व की विशिष्टता है। जनता के कल्याण के नवीन कार्यक्रमोंए योजनाओं की लंबी श्रंखलाए निरंतर दौरे कर आमजन के साथ सीधे संवाद और आम आदमी को खास बनाकर कार्य करने की शैली से वे राजनैतिक आकाश के सबसे अधिक चमकते सितारे बन गये हैं। उनका हृदय विशाल है। सोच का दायरा विस्तृत है। किसी भी प्रकार के भेदभाव को नहीं मानते हैं। वह ऐसे संकल्पित राजनेता हैं जो व्यापारियों के समूह में उपभोक्ताओं कीए धनिकों के बीच में गरीबों कीए और भौतिक वादियों के बीच आध्यात्म और आनंद की बातें पुरजोर तरीके से प्रस्तुत करता है। अपने प्रभावशाली उद्बोधन से उनके मन मानस को अपना अनुयायी बना लेता है। समाज का हर वर्ग उनका हैए वे उसके हैं। उन्हें सभी की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं का एहसास है। वे राजनीति में शुचिता के पक्षधर और विरोधियों के प्रति सहिष्णुता तथा सहृदयता के नवीन मानदंड स्थापित करने वाले प्रभावी राजनेता हैं। कांग्रेस की रैली में शामिल होकर वापस नीमच लौट रहे सड़क दुर्घटना में मृत एक व्यक्ति राहुल को 2 लाख और दो अन्य घायलों को 50.50 हजार रुपये की सहायता राशि अविलंब स्वीकृत करते है।

कुशल संगठक
मध्यप्रदेश के राजनीतिक इतिहास में लगातार तीसरी बार एक राजनीतिक दल की सरकार बनाने वाले श्री चौहान कुशल संगठक है जो संगठन को निरंतर मजबूत और उत्तरोत्तर आगे ले जाने की क्षमता रखता है। गरीबों के संरक्षकए किसान पुत्र हैं। उन्होंने अपने चमत्कारी व्यक्तित्व से प्रदेशवासियों के दिल में जगह बनाई है। वे जनता से सीधे जुड़े हैं। जमीनी हकीकतों से निरंतर जुड़े रहते है। सघन भ्रमण और सीधे संवाद की कार्यशैली ने राजनीतिक नेतृत्त्व की नई मिसाल कायम की है। उनके नेतृत्त्व में दल की चुनावी सफलता अभूतपूर्व है। ग्रामीणए नगरीय विधान और लोक सभा निर्वाचन हो। सभी की सफलताएँ उनके राजनीतिक कुशलताए सफल रणनीति और नेतृत्त्व के परिणाम है। उन्होंने विधानसभा निर्वाचन के प्रचार अभियान का लगभग एकतरफा नेतृत्व किया। राजनीतिक आंदोलनों के सफल संचालन के साथ ही जनांदोलनो में भी उनका कुशल नेतृत्त्व बेटी बचाओ अभियान एनर्मदा सेवा यात्रा और मिल बांचे जैसी सरकारी पहल को जनआंदोलन में परिवर्तन करना उनके कुशल नेतृत्व के सफल उदाहरण है। नर्मदा सेवा यात्रा में उमड़ता जन सैलाब दुनिया में अनोखी पहल है। नदी संरक्षण के लिए विशाल जन.समुदायों की भागेदारीएसंरक्षण के प्रयासों की सर्वमान्यता अद्भुत है। धर्मएजातिएसंप्रदाय के भेदभाव से निकल कर यात्रा के सहभागी बनने वाले संत समाजए श्रद्धालुए सैलानी सभी इस जनांदोलनो के साक्षी होकर श्री चौहान के कुशल नेतृत्त्व का गुणगान कर रहे हैं।

सक्षम प्रशासक
मुख्यमंत्री श्री चौहान का व्यक्तित्व दक्ष प्रशासक का है। ग्यारह वर्ष से अधिक का शासनकाल उनके प्रशासकीय गुणों की उत्कृष्टता स्वयं बयान करता है। उन्हें विरासत में बीमारू मध्यप्रदेश मिला था। अनुभवहीन प्रशासक की आशंकाऐं भी उनके साथ थीं। श्री चौहान ने निरंतर रात.दिन कार्य करते हुये ऐसी टीम मध्यप्रदेश बना लीए जो सर्वोच्च से अंतिम कड़ी तक अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान देने समर्पित संकल्पित है। प्रदेश में विकास की उपलब्धियों का नया इतिहास रचा गया है। सिंहस्थ जैसा अभूतपूर्व आयोजन मध्य प्रदेश की सरकार ने सफलतापूर्वक किया है। राज्य को अनेक अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुये हैं। सिंचाई क्षेत्र के रकबे में बढ़ोत्तरीए कृषि उत्पादन में क्रांतिए विकास दर में वृद्धिए स्वास्थ्य सूचकांको में सुधारए रोजगार और उद्योगोंए धंधों के नये अवसरों का सृजन आदि सभी क्षेत्रों में राज्य की अभूतपूर्व उपलब्धियाँ उनके सक्षम प्रशासन का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइनए लोक सेवा गारंटी कानून और जन.सुनवाई जैसे कार्यक्रमों से जहाँ एक और जनता की समस्याओं का प्रभावी समाधान होता है वहीं कार्य के प्रति उदासीनता बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों को सरकार के कोप का भी सामना करना पड़ता है। कड़ी कार्यवाही करने में क्षणभर का विलंब नहीं करने वाले मुख्यमंत्री श्री चौहान कर्मचारियों के पीठ थपथपाने और उनका सार्वजनिक सम्मान करने और उनके कल्याण के कार्य करने में भी बहुत आगे रहते हैं। कर्मचारियों के मांगने से पहले ही वह उनके वाज़िब हक़ दे देते हैं। यह प्रदेश के कर्मचारी स्वयं स्वीकार करते हैं। फिर चाहे वह पुलिस आवासीय समस्या की बात होए सेटअप पुनर्निर्धारणए कर्मचारियों के संयोजनए वेतन विसंगतियां दूर करने अथवा सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाएं लागू करने का मामला हो।

अनुशासित कार्यकर्ता
मुख्यमंत्री श्री चौहान एक अनुशासित संकल्पित और समर्पित कार्यकर्ता है। सात्विक कार्यकर्ता के सभी तत्व उनके व्यक्तित्व के अंग है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को सात्विक कार्यकर्ता के जो लक्षण बताए हैं। वे सभी श्री चौहान के व्यक्तित्व में हैं। गुटबाज़ी से उनका कोई लेना.देना नहीं है। अहंकार उनसे कोसो दूर है। वे उत्साह के साथ नित नई चुनौतियों को लेने को तत्पर और निष्काम भाव से सर्वश्रेष्ठ देने वाले अनुशासित कार्यकर्ता है। वे सामाजिक चुनौतियों को स्वीकार कर संघर्ष करने वाले जुझारू कार्यकर्ता है। सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी सोच दूरदर्शी और संवेदनात्मक है। महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय को खत्म करने की बाल्यकाल में बनी सोच आज उनकी प्रशासनिक और राजनीतिक शैली का मुख्य आधार है। महिलाओं के सम्मान के लिये उन्होंने सामाजिक अगुआई के साथ कार्य किये हैं। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान का सूत्रपात देश में बिगड़ते लैंगिक अनुपात को नियंत्रित करने के प्रयास से किया है। महिला अत्याचारों पर राज्य में पूर्ण विराम लगाने का प्रयास शौर्यादल के माध्यम से किया है। शासकीय सेवाओं एस्थानीय निकायों में महिला आरक्षणए पुलिस बल में विशेष बटालियनए महानगरों में महिला सेल और महिलाओं पर अपराधों के मामलों में समय.सीमा में अनुसंधान जैसी पहल उनके सामाजिक चुनौतियों के साथ संघर्षशील जुझारू कार्यकर्ता होने की परिचायक है।

सहृदय व्यक्ति
श्री चौहान का व्यक्तित्व सहृदय है। उनकी विनम्रता अभूतपूर्व है। जनता से सम्मानीय दूरी ;त्मेचमबजंइसम क्पेजंदबमद्ध रखने के निरंतर मिलने वाले सुझाव और सुरक्षा की विवशताओं का दबाव भी उन्हें आमजन से घुलने.मिलने से नहीं रोक पाता है। यहाँ.वहाँ वह सुरक्षा के घेरे और प्रोटोकॉल के प्रतिबंधों के बाहर जाकर आमजन के दुरूख.सुरूख में सहभागी हो जाते हैं। सहृदयता का उनके व्यक्तित्व में सर्वोच्च स्थान है। फिर चाहे विरोधियों के साथ व्यवहार की बात हो अथवा आपदाओं में प्रदेशवासियों की मदद की हो। उनके व्यवहार का आधार सहृदयता ही रही है। उत्तराखंड की बाढ़ में फँसे तीर्थयात्रीए ओले.पाले से जूझ रहे किसान अथवा कानपुर के निकट पुखराया रेल दुर्घटना के यात्रियों को सहायता के अवसर होए सभी में उन्होंने सहृदयता और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। विधानसभा में मिलने आयी छिंदवाड़ा जिले के ग्राम शीलादेही की 80 वर्षीय आदिवासी महिला श्रीमती बूंदी इरपाची को ऋण चुकाने के लिए 25 हजार रुपये की सहायता देनेए भोपाल के बैरसिया के टाडा गाँव की अपनी तीन माह की बच्ची को लेकर मुख्यमंत्री निवास आने वाली श्रीमती शांति बाई जिनके पति श्री कमल सिंह की बस में अज्ञात बदमाशों के हमले में मृत्यु हो गई थी उनको पाँच लाख रुपए की मदद और मुख्यमंत्री के समाधान ऑनलाइन में आयी इंदौर जिले की बीबीए तृतीय वर्ष की छात्रा कुमारी रूचि छाबड़ा को छात्रवृत्ति भुगतान में विलम्ब पर 10 हजार रूपये का चेक तत्काल छात्रा को प्रदाय करवानाए दसवीं परीक्षा में पूनर्मूल्यांकन बाद मेरिट में छठवाँ स्थान पाने वाली भोपाल की छात्र शिद्रा अली को बधाई और निर्भया आश्रम गृह की रहवासी निराश्रित बेटी संध्या की मेहंदी रस्म में शामिल होकर आशीर्वाद देने का अवसर हो। उनकी सहजता और सहृदयता व्यक्तिव के प्रतीक है।

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