April 19, 2024

निगम अध्यक्ष के विरुध्द पेश अविश्वास प्रस्ताव खारिज

भाजपा पार्षदों ने नहीं लिया मतदान में हिस्सा,कांग्रेस के २१ पार्षदों ने डाले वोट
रतलाम,23 मार्च(इ खबरटुडे)। नगर निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल के विरुध्द कांग्रेस पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बहुमत के अभाव में गिर गया। नगर निगम के बहुप्रतिक्षित विशेष सम्मेलन में कांग्रेस के 21 पार्षद पंहुचे लेकिन भाजपा का एक भी पार्षद सदन में नहीं पंहुचा। कलेक्टर राजीव दुबे के सभापतित्व में सम्पन्न हुए सम्मेलन में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया गया और अन्तत: अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
 उल्लेखनीय है कि भाजपा के सात असंतुष्ट पार्षदों द्वारा भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा से उत्साहित कांग्रेस पार्षद दल ने कलेक्टर राजीव दुबे से भेंट कर निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल के विरुध्द अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। कांग्रेस पार्षदों के अविश्वास प्रस्ताव पर कलेक्टर ने नगर निगम के विशेष सम्मेलन के लिए २३ मार्च का दिन नियत किया था। पिछले एक हफ्ते से अधिक समय तक चली    राजनीतिक सरगर्मियों के बाद आज कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव भाजपा की एकजुटता के चलते औंधे मुंह गिर गया। भाजपा द्वारा बनाई गई रणनीति के अनुसार, भाजपा के तमाम पार्षद सुबह से पैलेस रोड स्थित भाजपा कार्यालय पर एकत्रित हुए लेकिन मतदान करने कोई पार्षद नगर निगम नहीं पंहुचा।
 कलेक्टर राजीव दुबे ने निर्धारित समय पर विशेष सम्मेलन की प्रक्रिया आरंभ की। उन्होने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान आरंभ कराया। सदन में मौजूद कांग्रेस के २१ पार्षदों ने प्रस्ताव के समर्थन में वोट डाले। लेकिन प्रस्ताव पारित करने के लिए 21 वोट पर्याप्त नहीं होने के कारण प्रस्ताव को अमान्य कर दिया गया।
 निगम के विशेष सम्मेलन के आयोजन के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी निगम में मौजूद थे। सिटी एसडीएम रानी बाटड,एसडीएम दिनेशचन्द्र सिंघी,आयुक्त सोमनाथ झारिया आदि सम्मेलन में मौजूद थे।
  महापौर शैलेन्द्र डागा भाजपा की ओर से नगर निगम पंहुचने वाले एकमात्र नेता थे,लेकिन वे भी अपने कक्ष में बैठे रहे। महापौर ने निगम की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।
कांग्रेस ने कहा जीत गए
अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुर्शीद अनवर,शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.राजेश शर्मा,सांसद प्रतिनिधि अनिल झालानी,वासिफ काजी,पूर्व महापौर जयन्तीलाल जैन समेत तमाम नेता निगम परिसर में मौजूद थे। अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ राजेश शर्मा ने इसे कांग्रेस की नैतिक जीत और भाजपा की हार बताया। डॉ.राजेश शर्मा ने कहा कि भाजपा के नेता डर गए और इसीलिए भाजपा पार्षदों को मतदान में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। भाजपा को डर था कि यदि पार्षद मतदान करते तो भाजपा की पोल खुल जाती और निगम अध्यक्ष को हटना पडता।

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