December 24, 2024

रतलाम शहर में प्रारंभ हुआ जनओषधि मेडिकल स्टोर

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केंद्र सरकार की महत्ती योजना के तहत शहर में मिली सौगात 
अतिथियों ने नागरिकों से की लाभ लेने की अपील 
 
रतलाम 23 मई (इ खबरटुडे)।बदलते दौर में हर परिवार को प्रतिमाह एक से डेढ़ हजार रुपए दवाओं पर खर्च करना पड़ रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों की मुनाफे की दौड़ में दवाओं की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं और मध्यमवर्गी ही नहीं उच्च वर्गीय व्यक्ति भी कभी-कभी दवाओं की कीमत से परेशान हो उठता है।

 इसके राहत देने के लिए सरकार ने जनओषधि योजना प्रारंभ की है। इस योजना के तहत मरीजों को दवाईयां न्यूनतम शुल्क पर मिलेंगी। डॉक्टरों को भी मरीजों को अधिक से अधिक जेनेरिक दवा ही लिखनी चाहिए, ये उनका नैतिक कर्तव्य भी है।
यह बात विधायक चैतन्य काश्यप ने शहर में जनओषधि मेडिकल स्टोर के उद्घाटन समारोह में कही। शास्त्री नगर स्थित संाई मंदिर के समीप मधुश्रवा वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में समारोह पूर्वक जनओषधि मेडिकल स्टोर का उद्घाटन हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि चैतन्य काश्यप थे। अध्यक्षता बीपीपीआई के नोडल अधिकारी विवेक शर्मा ने की। विशेष अतिथि शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र शाह, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश मूणत और वार्ड पार्षद अशोक यादव थे।
सरकार का उपक्रम है जनओषधि 
श्री काश्यप ने कहा कि जेनेरिक दवाईयां सस्ती हैं, साथ ही गुणवत्त में भी बेहतर है। जेनेरिक दवाओं को भी उन्ही मापदंडो से गुजरना पड़ता है,और सभी टेस्ट पास करने पड़ते हैं, जितने बाजार में उपलब्ध बड़े ब्रांड को। इनकी कीमतें कम होन ेके पीछे सबसे बड़ा कारण मार्केंटिंग और विज्ञापन का खर्च नहीं होना है। श्री काश्यप ने कहा कि जेनेरिक वैसे भी बाजार में उपलब्ध ब्रांड से लगभग आधी कीमत पर मिलती है, लेकिन जनओषधि में उससे भी ज्यादा लाभ है। जनओषधि केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई महत्वांक्षी योजना है जिसमें दवाईयां जेनेरिक ब्रांड से भी सस्ती हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि गरीब से गरीब और मध्यवर्गीय व्यक्ति को भी बेहतर और सस्त ईलाज उपलब्ध हो सके।
असर में बिल्कुल कम नहीं जेनेरिक 
बीपीपीआई के नोडल अधिकारी श्री शर्मा ने बताया कि जनओषधि केंद्र सरकार की योजना है जिसके तहत जगह-जगह मेडिकल स्टोर संचालित किए जाएंगे और लगभग सभी ड्रग यहां उपलब्ध हैं। जेनेरिक दवाईयों पर ब्रांड का लेबल नहीं होता है परंतु उसी प्रक्रिया से निर्मित होती हैं और टेस्ट पास करती है। ये उतनी ही असरकारक है उतने ही डोज में ली जाती है। पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री मूणत ने कहा कि दवाओं पर होने वाला खर्च आकस्मिक होता है। कोई परिवार पहले से इसकी तैयारी नहीं रखता। इस व्यवसाय में व्यवहार भी बहुत अहमियत रखता है। डॉ. देवेेंद्र शाह ने कहा कि 15 सालों से जेनेरिक दवाईयां लिख रहे हैं और अनुभव है कि जेनेरिक का रिजल्ट बेहतर हैं। पार्षद श्री यादव ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार की यह योजना के तहत जनओषधि स्टोर उनके वार्ड में प्रारंभ हुआ इससे उन्हें प्रसन्ना हुई है।
रिबन काटकर किया शुभारंभ 
समारोह पश्चात श्री काश्यप ने रिबन काटकर मेडिकल स्टोर का विधिवत शुभारंभ किया। अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष कमल पाटीदार, सचिव सांवलिया पाटीदार, कोषाध्यक्ष मुकेशपुरी गोस्वामी, डॉ.जितेंद्र वर्मा, ईश्वरलाल पाटीदार, भेरूलाल टांक, अनवर कादरी, हरीवंश शर्मा, सौरभ कोठारी, विस्मय चत्तर, देवकीनंदन पंचोली, सिंकदर पटेल, राजेश वासनवाल आदि ने किया। संचालन अदिति मिश्रा ने किया। आभार मुकेशपुरी गोस्वामी ने माना।
समाजसेवा है जनओषधि 
एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे उज्जैन में ड्यूटी समाप्त कर सीधे जनओषधि मेडिकल स्टोर पहुंचे। यहां डॉ.चौबे सभी दवाओं की जानकारी ली और बाजार अनुसार उनकी कीमतें 10 प्रतिशत से भी कम होने पर आश्चर्य जताया। डॉ.चौबे ने कहा कि जनओषधि मेडिकल स्टोर संचालित करना भी समाजसेवा है। इसके लिए उन्होंने मधुश्रवा सोसायटी को भी बधाई दी। साथ ही श्री चौबे ने कहा कि आज के युग में दवाईयों का खर्च ही लोगों को सर्वाधिक तकलीफ दे रहा है। इतनी दामों पर गुणवत्ता वाली दवाईयां बहुत अधिक राहत देगा।

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