March 28, 2024

कपास के निर्यात पर प्रतिबन्ध,किसान विरोधी

भारतीय किसान संघ करेगा देशव्यापी आन्दोलन

नई दिल्ली,७ मार्च(इ खबरटुडे)।केन्द्र सरकार द्वारा कपास के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबन्ध की भारतीय किसान संघ ने कडी निन्दा की है। इस प्रतिबन्ध का किसान संघ देशव्यापी विरोध करेगा।

किसान संघ केन्द्रीय कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रभाकर केलकर ने  केन्द्र सरकार के इस निर्णय की कडे शब्दों में निन्दा करते हुए इस निर्णय को किसान विरोधी बताया है। उन्होने कहा कि देश की सरकार पूंजीपतियों द्वारा चलाई जा रही है। ऐसा लगता है कि सरकार पूंजीपतियों के आगे घुटने टेक रही है। कपास के निर्यात पर प्रतिबन्ध से कपास उत्पादक किसानों को भारी हानि उठानी पडेगी। विगत वर्ष २०११ में निर्यात पर प्रतिबन्ध रहने से किसानों को कपास के भाव उत्पादन लागत के बराबर भी नहीं मिल पा रहे थे। ऐसे में निर्यात खुलने से किसानों को कुछ राहत मिली थी,लेकिन इसे निर्दयी सरकार ने वापस ले लिया।
श्री केलकर ने कहा कि इस वर्ष कपास का उत्पादन लगभग दोगुना हुआ है,अत: निर्यात भी दो गुना होना चाहिए। गत वर्ष ८० लाख गठानों की निर्यात किया गया था। इस वर्ष १६० लाख गठानों का निर्यात होना चाहिए था। लेकिन सरकार ने पूंजीपतियों के दबाव में आधे अधूरे निर्यात के समय ही प्रतिबन्ध लगा दिया।
श्री केलकर ने कहा कि कृषि मंत्री शरद पंवार ने बयान दिया है कि कपास पर प्रतिबन्ध की उन्हे कोई जानकारी नहीं है और न ही उनसे किसी प्रकार की सलाह की गई है। वाणिज्य मंत्रालय ने यह एकतरफा निर्णय लिया है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार के अन्दर तालमेल का भारी अभाव है। जिससे इस प्रकार के अविवेकी निर्णय हो रहे है और केन्द्र सरककार का किसान एवं कृषि विरोधी चेहरा भी उजागर हो गया है। श्री केलकर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह किसान एवं कृषि विरोधी निर्णय तत्काल वापस लिया जाए अन्यथा भारतीय किसान संघ द्वारा इसके विरोध में देशव्यापी आन्दोलन छेडा जाएगा।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds