जटिल सर्जरी कर युवक को दिया जीवनदान
पेट में सरिया घुसने से हो गया था घायल, 15 दिन में हुआ स्वस्थ
रतलाम, 7 सितम्बर (इ खबरटुडे)। आमतौर पर शासकीय अस्पताल मे ठीक से उपचार नहीं होने अथवा उपचार में लापरवाही बरतने के आरोप लगते रहते है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है।े जटिल सर्जरी जो महंगे सुविधा संपन्न निजी अस्पतालों में ही होना संभव होती है उसे रतलाम में शासकीय जिला चिकित्सालय के डॉक्टरो ने कर दिखाया और इससे एक युवक को जीवन दान दिया। चिकित्सकों ने जावरा के एक ऐसे युवक का आपरेशन किया जिसके पेट में लोहे का सरिया घुस गया था और उसकी जान बचना मुश्किल थी। जटिल सर्जरी के बाद उक्त युवक अब स्वस्थ है। यह जटिल सर्जरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.पुष्पेन्द्र शर्मा और उनकी टीम ने की।
जावरा निवासी मोहम्मद रफीक ने बताया कि, उनका 20 वर्षीय पुत्र आसिफ 23 अगस्त को मकान के कार्य के दौरान कॉलम पर गिर गया था। दुर्घटना में कॉलम का एक सरिया उसके पेट में घुस गया था। आसिफ को गंभीर अवस्था में जावरा के हॉस्पिटल ले जाया गया जहां से उसे रतलाम रैफर किया गया। रतलाम में भी डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद उसे बडी जगह ले जाने के लिए रैफर करने की बात कही। लेकिन आसिफ के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि उसके परिजन उसे बडे स्थान पर ले जाकर उसकी सर्जरी करवा पाते। आसिफ के पिता मोहम्मद रफीक ने सीएमएचओ डॉ. पुष्पेन्द्र शर्मा जो एक सर्जन भी है से संर्पक कर उनसे अपने पुत्र का रतलाम में ही उपचार करने का निवेदन किया। इस पर डॉ. शर्मा ने स्वयं अपने साथी डॉक्टरों डॉ. गोपाल यादव को साथ लेकर इमरजेंसी में 24 अगस्त को आसिफ का आपरेशन अब आसिफ पूरी तरह से स्वस्थ है और आज उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
बुरी से फट गई थी छोटी आंत
जटिल सर्जरी को संपादित करने वाले डॉ. पुष्पेन्द्र शर्मा ने बताया कि, दुर्घटना में मरीज के पेट में सरिया घसने के कारण उसकी छोटी आंत के साथ-साथ आंतों की झिल्ली भी फट गई थी। इस कारण उसके पेट में दो लीटर से अधिक ब्लड जमा हो गया था। ऑपरेशन के पूर्व मरीज को 5 यूनिट ब्लड देने के बाद उसका आपॅरेशन (एक्सपलोरेटरी लेप्रेरोटॉमी) करते हुए पेट में जमा ब्लड बाहर किया गया और आंतों को रिपेयर किया। उक्त सर्जरी में करीब 2 घंटे का समय लगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि, इस तरह की सर्जरी काफी जटिल होती है। इसमें कई संसाधनों की आवश्यकता पडती है जो फिलहाल यहां उपलब्ध नहीं है। मरीज आसिफ के पिता ने अपनी कमजोर आर्थिक स्थित का हवाला दिया था उनके आग्रह के बाद मैंने सर्जरी यही करने का निर्णय लिया। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और अपने दैनिक दिनचर्या के कार्य करने लग गया है।
पहले भी हुए है जटिल आपरेशन
सीएमएचओ एवं सर्जन डॉ. पुष्पेन्द्र शर्मा ने कहा कि, रतलाम के जिला चिकित्सालय के सर्जन डॉक्टरर्स पूर्व में भी यहां कई जटिल ऑपरेशन कर कई लोगों को जीवन दान दे चुके है। यह सब डॉक्टरर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ के सहयोग से ही संभव हो पाता है।