स्टाम्प ड्यूटी में वृध्दि के खिलाफ लामबन्द हुए वकील
जुलूस निकालकर प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
रतलाम,22 सितम्बर (इ खबरटुडे)। राज्य शासन ने प्रदेश में लागू स्टाम्प ड्यूटी में पांच से दस गुना तक की वृध्दि कर दी है। इससे जनसाधारण पर भारी आर्थिक बोझ पडेगा। जनसाधारण की इस समस्या को देखते हुए शहर के अभिभाषक सक्रिय हो गए हैं। वकीलों ने सोमवार को कलेक्टोरेट पंहुचकर स्टाम्प ड्यूटी की वृध्दि के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
राज्य शासन ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम मध्यप्रदेश संशोधन 16 सितम्बर को लागू किया है। इस संशोधन के लागू होने के साथ ही शपथपत्र,विभिन्न प्रकार के अनुबन्ध पत्र,पावर आफ अटार्नी जैसे दस्तावेजों पर लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी में पांच से दस गुना तक की वृध्दि हो गई है। दस रुपए में बनने वाला सामान्य शपथ पत्र अब पचास रुपए में बनेगा। इसी तरह नोटरी शुल्क भी बढाकर पचास रुपए कर दिया गया है। शपथ पत्र की आवश्यकता स्कूली बच्चों तक को बहुतायत में पडती है। ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी में भारी वृध्दि का असर प्रत्येक व्यक्ति पर पडेगा और खासतौर पर गरीब लोगों को न्याय प्राप्त करने में अधिक दिक्कतों का सामना करना पडेगा।
जिला अभिभाषक संघ ने जनसामान्य को होने वाली इस समस्या को देखते हुए सोमवार को इस शुल्क वृध्दि के खिलाफ राज्यपाल व मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष संजय पंवार और सचिव दीपक जोशी के नेतृत्व में बडी संख्या में अभिभाषक गण कलेक्टोरेट पंहुचे। कलेक्टोरेट में अनुविभागीय दण्डाधिकारी सुनील झा को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि स्टाम्प ड्यूटी में की गई वृध्दि को तत्काल वापस लिया जाए अन्यथा इसके गंभीर परिणाम प्रदेश की निर्धन जनता को भुगतना पडेंगे। साथ ही इससे शासन की जनकल्याणकारी छबि पर भी प्रतिकूल असर पडेगा।
ये थे मौजूद
अभिभाषक संघ का ज्ञापन देते समय निर्मल कटारिया,सुभाष उपाध्याय,
एससी अग्रवाल,संतोष त्रिपाठी,दशरथ पाटीदार,चन्द्रमोहन मेहता,संजीव सिंह चौहान समेत अनेक अभिभाषक मौजूद थे।