सोमवती अमावस्या के योग पर बाबा का शाही नगर भ्रमण संपन्न
महाकाल बाबा के सात स्वरुपों के दर्शन के लिए उमडे लाखों भक्त
उज्जैन,25 अगस्त (इ खबरटुडे)। सोमवती अमावस्या के संयोग में बाबा श्री महाकालेश्वर की अंतिम प्रमुख शाही सवारी को निहारने के लिए लाखों की तादाद में शिवभक्त मौजूद थे। बाबा की शाही सवारी 5 कि.मी. का मार्ग तय करते हुए रात में शयन आरती से मंदिर पहुंची। शाही सवारी के स्वागत के लिये मार्ग को दुल्हन की तरह सजाया गया था। प्रशासन ने श्रध्दालुओं के लिये पुख्ता बंदोबस्त किये थें। सोमवार को अमावस्या के संयोग में अंचल से लाखों श्रध्दालु शिप्रा और सोमतीर्थ पर स्नान के लिये आज उज्जैन पंहुचे थे। धार्मिक स्नान के उपरांत श्रध्दालुजन बाबा महाकालेश्वर के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचेें। इसके उपरांत शाही सवारी में बाबा महाकालेश्वर के 7 स्वरुपों के दर्शन करने के लिये लाखों श्रध्दालु नगर में सवारी मार्ग पर जुट चुके थे।
7 स्वरुपों के दर्शन
सवारी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में, हाथी पर श्री मनमहेश, शिवतांडव प्रतिमा गरूड़ पर, श्री उमा महेश बैल पर, होल्कर मुखौटा रथ पर, श्री जटाशंकर बैलगाड़ी में तथा शाही सवारी में सप्तधान का मुखौटा विशेष रूप से सम्मिलित थे। श्रध्दालुओं ने बाबा महाकाल के सात स्वरुपों के दर्शन किए ।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी श्री महाकाल मंदिर से प्रारंभ होकर श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी, रामघाट पहुंचेगी। यहां भगवान चंद्रमौलेश्वर का माँ शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन के उपरांत सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, खड़े हनुमान के पास से होते हुए, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस पंहुची।