November 25, 2024

मोदी सरकार को झटका, फ्लोर टेस्ट में हरीश रावत ने बाजी मारी, हटेगा राष्ट्रपति शासन

उत्तराखंड,11 मई(इ खबरटुडे)।उत्तराखंड में फ्लोर टेस्ट के नतीजे का ऐलान सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है। कोर्ट ने बताया है कि हरीश रावत के पक्ष में 33 विधायक थे और बीजेपी के पक्ष में 28 विधायकों ने अपना मत दिया। कोर्ट में केंद्र सरकार ने अपने पैर पीछे खींचते हुए कहा कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया जाएगा।

इसी के साथ मामले का पूरा निपटारा हो गया है। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई आगे भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को राष्ट्रपति शासन हटाने की इजाजत दे दी है।कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति शासन हटने के बाद हरीश रावत बतौर मुख्यमंत्री काम कर सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर कहा गया है कि राज्य से राष्ट्रपति हटाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट 12.30 बजे बैठक करेगी।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड पर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की जीत हुई है। उम्मीद करता हूं कि उन्हें सबक मिल गया होगा।
देहरादून में जश्न
कोर्ट के आदेश बाद देहरादून में कांग्रेस कार्यालय पर जश्न का माहौल है। बताया जा रहा है कि हरीश रावत कुछ देर बाद मीडिया को संबोधित करेंगे। कल ही सूत्रों ने बता दिया था कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट में बाज़ी मार ली है।
हरीश रावत का बयान
फ्लोर टेस्ट के बाद हरीश रावत ने कहा था कि अंदर क्या हुआ इस पर कोई कॉमेंट नहीं करुंगा लेकिन अनिश्चितता के बादल जल्द ही हट जाएंगे। बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस पर विधायकों को जुटाने के लिए धनबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि राज्य में सच की जीत हुई है।
कोर्ट का फैसला पक्ष में होने पर भी रावत दोबारा सीएम होंगे या नहीं…
वैसे दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्र बता रहे हैं कि अब राज्य में सरकार गठन के समय पार्टी साफ-सुथरी छवि वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करेगी। हरीश रावत दोबारा मुख्यमंत्री बन जाएंगे लेकिन शायद उनकी परेशानियां समाप्त नहीं होने जा रही हैं। स्टिंग मामले में सीबीआई उनसे बार-बार पूछताछ कर सकती है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि मुख्यमंत्री पद पर किसी और को बिठाया जा सकता है। अटकलें इंदिरा हृदयेश के नाम की सबसे गर्म हैं। वह कांग्रेस की इस राज्य से पुरानी नेत्री रही हैं। लेकिन महत्वाकांक्षाएं अनेकों नेताओं की होंगी। कांग्रेस आलाकमान को एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नाम को चुनना चुनौती होगी क्योंकि अगले साल 2017 में इस राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
विधायक शैला रानी की याचिका पर भी आज सुनवाई
कोर्ट में आज बागी विधायक शैला रानी रावत की याचिका पर भी आज कोर्ट सुनवाई करेगी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। उसी दिन स्पीकर ने 9 विधायकों को अयोग्य करार दिया था। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगने पर स्पीकर ऐसा कदम नहीं उठा सकता और उनके पास यह अधिकार नहीं था। स्पीकर का यह आदेश गलत था। रावत की दलील है कि राष्ट्रपति शासन के बाद स्पीकर अयोग्य करने का फ़ैसला नहीं ले सकता।

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