जन्मदिन के बहाने चुनाव की तैयारी
रास्ते बंद होने से परेशान और नाराज हुए नागरिक
रतलाम,3 फरवरी(इ खबरटुडे)। पिछले विधानसभा चुनाव में करारी हार का मजा चख चुके पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी अभी से चुनावी तैयारी में जुट गए है। जन्मदिन के बहाने जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। हांलाकि जन्मदिन के उत्सव को लेकर की जा रही तैयारियां नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है और लोगों में नाराजगी भी नजर आने लगी है। यही नाराजगी पिछली बार भी हार का कारण बनी थी।
उल्लेखनीय है कि श्री कोठारी और उनके समर्थक पिछले कुछ वर्षों से जन्मदिन का बडा उत्सव मनाने लगे है। चूंकि यह साल चुनावी साल है,इसलिए इस बार जन्मदिन की तैयारियां पूरी तरह चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है। श्री कोठारी और उनके समर्थक यह मानकर चल रहे है कि भाजपा का टिकट मिलना तय है। हांलाकि इकतीस हजार मतों की करारी पराजय के बाद अब श्री कोठारी का दावा उतना मजबूत नहीं रह गया है,जितना उनके समर्थक मान कर चल रहे है।
बहरहाल,श्री कोठारी के जन्मदिन को बडे पैमाने पर मनाने के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए है। पूरे शहर को होर्डिंग्स से पाट दिया गया है। अखबारों और टीवी चैनलों पर लगातार विज्ञापन दिए जा रहे है। विभिन्न समाचार पत्रों में तो पूरे के पूरे पन्ने खरीदे गए है और इन पृष्ठों पर विज्ञापन के साथ साथ प्रायोजित समाचार भी प्रकाशित करवाए गए हैं। श्री कोठारी के समर्थकों ने चुनावी नारे भी गढ लिए है। इन नारों में कहा जा रहा है कि श्री कोठारी एक बार फिर से चुनाव जीतेंगे।
पूरे दिन भर का व्यस्त कार्यक्रम बनाया गया है और इन कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब और निचली बस्तियों के लोगों तक पंहुचने की योजना बनाई गई है। कार्यक्रमों के जरिये जरुरतमन्द मतदाताओं को रिझाने के प्रयास किए जा रहे है। जन्मदिन के बहाने गरीब बस्तियों में उपहार इत्यादि भी बांटे जाएंगे ताकि मतदाताओं को रिझाया जा सके।
नागरिक परेशान और नाराज भी
मतदाताओं को रिझाने के प्रयास नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन रहे है। श्री कोठारी के जन्मदिन समारोह के तहत रविवार शाम को डालूमोदी बाजार चौराहे पर भजनसंध्या का आयोजन किया गया है। इस भजन संध्या के लिए शहर के इस व्यस्ततम क्षेत्र के रास्ते दो दिन पहले से बन्द कर दिए गए। बाजार में जाने वाले नागरिकों और महिलाओं को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। नतीजा यह है कि लोगों में इस बात को लेकर भारी नाराजगी है। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में श्री कोठारी को आम नागरिकों की नाराजगी ने ही सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। उनके जन्मदिन पर लाखों रुपए व्यय कर किया जा रहा अवास्तविक लोकप्रियता का भौंडा प्रदर्शन फिर से आम लोगों को नाराज करता नजर आ रहा है।
चुनाव के दावेदार भी बढे
हांलाकि पूर्व मंत्री श्री कोठारी के समर्थक यह मानकर चल रहे है कि विधानसभा चुनाव का टिकट उन्ही को मिलेगा,लेकिन इस बार भाजपा में टिकट के कई नए दावेदार सामने आ रहे है। अधिकांश लोगों का मानना है कि इकतीस हजार मतों की करारी पराजय के बाद अब पार्टी में श्री कोठारी का वह रुतबा नहीं रहा जो पहले हुआ करता था। पहले भाजपा में श्री कोठारी के टिकट को लेकर कभी कोई दुविधा होती ही नहीं थी,लेकिन अब परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी है। पार्टी का एक बडा वर्ग यह जानता है कि अब श्री कोठारी की दावेदारी पहले की तुलना में काफी कमजोर हो चुकी है। विधानसभा चुनाव के बाद संगठन स्तर पर भी श्री कोठारी को कोई खास महत्व नहीं दिया गया। हांलाकि स्थानीय स्तर पर संगठन चुनावों में श्री कोठारी ने अपना दबदबा कायम रखा लेकिन प्रदेश स्तर पर उनकी पकड अब कमजोर हो चुकी है। ऐसे में चुनाव के कई दावेदार सामने आना तय है।