कोरोना का कहर: हम होंगे कामयाब एक दिन……
– पंडित मुस्तफा आरिफ
लॉक डाउन का आज दूसरा चरण पूरा हो रहा है ईश्वर की कृपा है कि हम स्वस्थ है और जीवित हैं। लॉक डाउन की अवधि में आशाजनक और निराशाजनक दोनों प्रकार का वातावरण रहा। जिनकी प्रवृत्ति हर बात में बुराई ढूंढना है वो उसी में लगे रहैं मजबूरी से लाचार ऐसे लोग यदि खुद में बुराई ढूंढे तो निश्चित रूप से सृष्टि का कल्याण होगा। लेकिन समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो हर बात में अच्छाई ढूंढते हैं, वैचारिक व राजनीतिक प्रदूषण को अपने पास नहीं फटकने देते हैं । ईश्वर का संसार ऐसे ही लोगों से चलता है, और ऐसे ही लोग पर ईश्वर की कृपा रहती है, कोरोना रूपी रावण के वध के लिए ऐसे ही लोग राम है और समस्त संसार को शुद्धि का संदेश देने के लिए ऐसे ही लोग वाहे गुरू है, ऐसे ही लोग हजरत मोहम्मद है, और जटिल से जटिल बीमारी से चंगा करने के लिए ईसा है। स्वामी विवेकानंद और रामचंद्र परमहंस की इस पुण्य भूमि सदपुरूषो का अभाव नहीं है। कोरोना का रोना रोने के बजाय हम समस्त राजनैतिक, साम्प्रदायिक और सांसारिक मन मुटाव व दुर्भावना को एक तरफ रख कर वसुदेव कुटुंबकम के कल्याण के लिए आगे आएं। विश्व की निगाह निश्चित रूप से भारत पर लगी हुई है। भरोसा है कि हम होंगे कामयाब एक दिन।।।
लॉक डाउन पिरियड में में सबके मन में यहीं भय रहा कि न जाने कौन से रूप में, कैसे और कहाँ से ये कोरोना शैतान हमारे साथ हो ले, हमारे और हमारे परिवार की जिंदगी तबाह कर दे। मैं लॉक डाउन पिरियड में मध्यप्रदेश के रतलाम नगर में हूँ, मेरा जन्म स्थल और गृह नगर है। यहां से 40 किमी दूर लगभग 25 हजार की आबादी का नगर है बङनगर। सुप्रसिद्ध फिल्मी गीतकार कवि प्रदीप की गृह नगरी । इस छोटे से कस्बे के एक परिवार के 20 सदस्य संक्रमित है और 7 लोग काल के गाल में समा गए हैं। ये भगवान श्री महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन की तहसील भी है। वैसे संपूर्ण उज्जैन जिला रेड ज़ोन में है, बङनगर मिलाकर 27 मृत्यु कोरोना से हो चुकी है, पोजिटिव संक्रमितों की संख्या 100 को पार कर चुकी है। उज्जैन का उल्लेख सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था की असफलता की दृष्टि से जरूरी है, जहां पिछले एक महीने के बाद से अब तक कोरोना संक्रमितों के उपचार की समुचित व्यवस्था न तो प्रदेश शासन कर पाया और न ही जिला प्रशासन। एकमात्र आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक शासन से तोलमोल मे ही लगे रहै। और कोरोना और क्वेरेंटाईन के भय नहीं संक्रमण इतना फैला दिया कि रोगी इस भय से छुपते फिर रहैं है। इस भय से जनता को मुक्त करनें में शासन प्रशासन पूरी तरह असफल रहे और भगवान श्री महाकालेश्वर की पवित्र नगरी को कोरोना की आग में झोंक दिया। पूरा यकीन है कि भगवान श्री महाकालेश्वर ही उज्जैन की रक्षा करेंगे ।।।
कोरोना से मुक्ति के लिए विश्व स्तरीय प्रयास व प्रयोग जारी है। हमारे मध्य फिजिकल डिस्टांसींग जिसे हम वृहद स्तर पर सोशल डिस्टांसींग कहते हैं, ही एक मात्र उपलब्ध उपाय है। लॉक डाउन में आइसोलेशन और क्वेरेंटाईन इसके महत्वपूर्ण टूल है। आइसोलेशन का पालन सभी कर रहैं हैं और अपने घरों में बंद पृथकवास का पालन कर रहे हैं। लेकिन क्वेरेंटाईन का भय इस कदर व्याप्त है कि संक्रमित लोग उसके भय से सामने नहीं आ रहै हैं, और जैसे तैसे कोरोना वीरों को पता चलता है वे उन तक पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना का दुष्प्रचार व भय संक्रमितों को विचलित व आक्रोशित कर देता है। जिसकी परिणति डाक्टर व कोरोना वीरों के साथ हाथापाई और मारपीट होती है। संक्रमित लोग जब चंगे होकर बाहर आते हैं तो उन्हें क्वेरेंटाईन स्थल के दुष्प्रचार और दुर्दशा की कहानियाँ समाज के लिए अछूत बना देती हैं। ऐसे कईं किस्से जिसमें आम आदमी तो दूर की बात स्वयं संक्रमित कोरोना वीर जिसमें डाक्टर और पुलिस के लोग शामिल है, दुर्दशा के कारण दुखी है और उनके विडियो वायरल होने से उनके परिवार दुखी है। न तो केन्द्र सरकार न प्रदेश सरकार इस क्वेरेंटाईन के भय को दूर करने के लिए न तो कोई उपाय कर पाई है न सार्थक योजना बनाकर कार्रवाई और प्रचार। जब तक ये भय दूर नही होगा, तब तक अच्छे परिणामों की उम्मीद करना मात्र भुलावा या मृग मरीचिका हैं।।।
देश में अनेकों ऐसे जिले हैं जहां प्रशासनिक अधिकारियों ने कोरोना काल के दौरान सार्थक वातावरण बनाकर अपने जिले को ग्रीन और ओरेंज से आगे नहीं बङने दिया, यहीं कारण है की यहाँ कोरोना संक्रमितों की संख्या नगण्य के बराबर रहीं। जिला और पुलिस प्रशासन ने क्वेरेंटाईन केन्द्रों में ऐसी सुन्दर व्यवस्था की कि क्वेरेंटाईन से मुक्ति पाने के बाद बाहर आए कोरोना योद्धाओं ने क्वेरेंटाईन केन्द्र मे सुन्दर सार्थक व समग्र व्यवस्था के लिए क्वेरेंटाईन के प्रति भय मुक्त वातावरण बनाया। मैं फिलहाल रतलाम नगर में हूँ और पत्रकारिता की प्रवृत्ति के कारण पृथकवास में रहने के उपरांत भी जिला एवं पुलिस प्रशासन की गतिविधियों पर नजदीक से नज़र रख रहा हूं। अब तक कुल 14 केस हुए हैं जिनमें से 1 गंभीर है। 11 रोगी क्वेरेंटाईन से पूरी तरह ठीक होकर बाहर निकलें हैं। जिनका स्वागत कर उन्हें सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने में जिला कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान और पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने सक्रिय भूमिका निभाकर ये संदेश पहुंचाने की कोशिश की कोरोना से लङाई में क्वेरेंटाईन भूतिया घर नहीं है अपितु ईश्वर की कृपा से युक्त पवित्र शिफा खाना हैं।।।
क्वेरेंटाईन से लोटे 70 वर्षिय वृद्ध भी व्यवस्था को एक सुन्दर व शक्ति प्रदान करने का माध्यम बताया है। जब वे अपने घर पहुंचे तो उनका एक विजेता के रूप मे भव्य स्वागत किया गया। एक 50 वर्षीय महिला को उनके पति कोरोना पोजिटिव पाए जाने के कारण भर्ती किया गया था, उनकी आपबीती क्वेरेंटाईन के भय से मुक्त करने में प्रशासन की भूमिका का दस्तावेज है। उनके अनुसार जब से उन्हें भर्ती किया गया तब से आज तक हमें ये एहसास ही नहीं हुआ कि हम किसी महामारी से संक्रमित है। साफ सुथरा शुद्ध वातावरण, एक काल पर डाक्टर की तत्काल उपस्थिति, पूरे दिन अच्छा व्यवहार करने वाला स्टाफ, ऐसा वातावरण तो हमें घर पर भी नहीं मिल सकता। मुस्लिम महिला के अनुसार रमजान महिने में सेहरी इफ्तारी का सर्वश्रेष्ठ प्रबंध अधिकारियो की मानवता का सबसे बङा उदाहरण है, ऐसी व्यवस्था तो हम रमजान में अपने घर भी नहीं कर पाते। हम प्रशासन के कृतज्ञ है, और अनुभव करते हैं कि अगर ऐसा ही वातावरण पूरे देश में हो, तो निश्चित रूप से भारत कोरोना पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलेगी।।।
उपरोक्त दो उदाहरण क्वेरेंटाईन के भय से जन सामान्य को विचलित करने और उनको दूर करनें के प्रतीकात्मक उदाहरण है। जो ये संकेत देने के लिए प्रयाप्त है कि कोरोना से अगर भारत को मुक्त करना है तो क्वेरेंटाईन केन्द्रों के नाम से फैल रहै भय से देश को मुक्त करनें के लिए शासन को समुचित प्रचार करना होगा। विडंबना यह है कि कि भारत का मीडिया भी इस मामले में अवगत होते हुए भी चुप्पी साधे हुए है, क्योंकि उसको कीटाणु की जगह सांप्रदायिक विषाणु फैलाने में अधिक रूचि है, और आर्थिक संसाधन जुटाने में ये विषाणु ही मदद करते हैं, जिसकी वजह से उसे विश्व की सर्वाधिक विश्वसनीय गोदी मिडिया का खिताब मिला हुआ है। ईश्वर उनकी कमाई में और अधिक बरकत दे। लेकिन अगर वो कीटाणुओं को दूर करने के लिए समाज में व्याप्त भय को दूर करेंगे तो उनकी दुआओं से और अधिक अर्थोपार्जन होगा। कल 4 मई से लॉक डाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी महानता स्थापित की है। ईश्वर से प्रार्थना करें कि उनकी यह वैश्विक महानता भारत के सर्वांगीण विकास और कल्याण में सार्थक भूमिका निभाए।