कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बजा बिगुल, 12 मई को मतदान, 15 को मतगणना
नई दिल्ली,27मार्च (इ खबरटुडे)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. 225 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 224 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा. 1 सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्य को मनोनित किया जाता है. कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे. इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जिसके बाद 27 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे.
चुनाव आयोग के मुताबिक कर्नाटक में 4 करोड़ 96 लाख वोटर हैं. 97 फीसदी मतदाताओं के फोटो पहचान पत्र जारी कर दिए गए हैं. इस बार कर्नाटक में 56 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. 28 मई से पहले सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि कर्नाटक की जनसंख्या का 72 फीसदी लोग वोटर हैं. चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आज से कर्नाटक में चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है. यही नहीं, जब तक चुनाव ना हो जाए तब तक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर बैन लगा दिया गया है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने बताया कि इस बार चुनावी खर्च पर आयोग का खास ध्यान रहेगा, सभी पार्टियों पर हमारी नजर रहेगी. एक उम्मीदवार चुनाव में 28 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर पाएंगे.
दरअसल कर्नाटक की मौजूदा (13वीं) विधानसभा का पांच वर्ष का कार्यकाल तीन जून को पूरा हो रहा है. माना जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव की घोषणा की संभावना है.
कर्नाटक में कुल लोकसभा सीट
225 सदस्यीय विधानसभा की 224 सीट के लिए चुनाव होता है जबकि एक सीट पर एंग्लो-इंडियन समुदाय से सदस्य मनोनित होता है. चुनाव प्रचार में तमाम दल अभी से लग गए हैं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस अपना किला बचाने में जुटी है तो वहीं बी. एस. येदियुरप्पा को सीएम फेस बनाकर बीजेपी भी मैदान में डट गई है. जेडीएस बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है.
2013 के चुनाव नतीजे
बता दें कि 2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की कुल 224 सीटों में से कांग्रेस ने 122 जीती थी. जबकि बीजेपी 40 और जेडीएस 40 सीटों पर कब्जा किया था. बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले बीएस येदियुरप्पा की केजेपी महज 6 सीटें जीत सकी थी. इसके अलावा अन्य को 16 सीटें मिली थी. हालांकि बाद में येदियुरप्पा दोबारा से बीजेपी के साथ आ गए.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2008 के मुताबिक 2013 में बीजेपी को 70 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जबकि राज्य की सभी सभी पार्टियों को फायदा मिला था. सबसे ज़्यादा लाभ कांग्रेस को 42 सीटों का, जेडीएस को 12 और अन्य उम्मीदवारों को 10 सीटों पर लाभ हासिल हुआ था.