आंधीझाड़ा से स्नान किया, बालूरेत के शिवलिंग का पूजन
उज्जैन,10 सितम्बर (इ खबरटुडे)। मंगलवार को महिलाओं ने सुबह जल्दी उठ कर औषधीय स्नान किया । धार्मिक मान्यता अनुसार आंधीझाड़ा (एक प्रकार की औषधि) के पौधे की 108 डंडियों का गट्ठर बनाया गया। स्नान के समय इस गठ्ठर को सिर पर रखकर 108 लोटे पानी से स्नान किया। मान्यता अनुसार पवित्रता के लिये यह स्नान किया जाता है। स्नान उपरांत बालूरेती से शिवलिंगों की स्थापना कर ऋषियों का पूजन विधि-विधान अनुसार किया गया। पूजन उपरांत महिलाओं ने व्रत कथा सुनी और मोरधन से बना आहार ग्रहण किया।
महिलाओं के धार्मिक मान्यताओं के पर्वों की शुरुआत हो गई है। इसी के तहत रविवार को हरतालिका तीज पर्व पर महिलाओं ने सौभाग्य की प्राप्ति के लिये निर्जला रह कर किया था। सोमवार को गणेश चतुर्थी का व्रत भी बड़ी संख्या में रखा गया है। मंगलवार को महिलाओं का वर्ष में एक बार आने वाला विशेष उपवास रहा। ऋषि पंचमी के इस उपवास को लेकर औषधीय स्नान का महत्व बताया गया है। आंधीझाड़ा नामक औषधिय पौधे की डंडियों को सिर पर रखकर महिलाओं ने विशेष स्नान कर धार्मिक मान्यतानुसार पवित्रता के लिए व्रत रखा। ऐसा माना जाता है रजस्वला स्थिति में हुए अंजाने में हुए कर्मो से मुक्ति के लिए इस व्रत को किया जाता है। इसके बाद विधि-विधान अनुसार पूजन-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन से निवृत्त होकर महिलाएं मोरधन का आहार उपवास में गृहण करेंगी।
बाजार में अशुध्द मोरधन बिका
इस वर्ष भी खाद्य एवं औषधी प्रशासन की अनदेखी के चलते अशुध्द मोरधन बाजार में कई जगह विक्रय होने की जानकारी सूत्र दे रहे है। विगत वर्ष खराब मोरधन खाने के कारण जिले में कई महिलाएं बीमार पड़ी थीं। बाद में ताबड़तोड़ प्रशासन ने तमाम प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर मोरधन जब्त किया था।