November 23, 2024

शाहीन बाग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: बंद सड़क को खुलने में लगेगा अभी और समय,अगली सुनवाई 24 फरवरी को

नई दिल्ली,17 फरवरी(इ खबरटुडे)। पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में लोग सड़क पर धरना दे रहे हैं। जिसपर आज उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई तो हुई लेकिन बंद सड़क को खुलने में अभी और समय लगेगा। याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र, दिल्ली पुलिस और सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि लोगों के पास विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़क बंद करने का नहीं है।
अदालत ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को मध्यस्थ नियुक्त किया है जिन्हें प्रदर्शनकारियों से बात करके प्रदर्शनस्थल बदलने के लिए मनाने को कहा गया है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त को मामले पर हलफनामा देने को कहा है और अब इस मसले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

कोर्टरुम की जिरह
– लोगों को प्रदर्शन करने का हक लेकिन सड़क प्रदर्शन की जगह नहीं।
– कोर्ट ने कहा कि अगर सभी लोग सड़क पर प्रदर्शन करने लगे तो क्या होगा। इसे जारी रहने नहीं दिया जा सकता।
– कोर्ट ने कहा कि हम यह नही कह रहे है कि सीएए का मामला लंबित है तो लोग प्रदर्शन नहीं कर सकते।
– कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। यातायात नहीं बंद होना चाहिए।
– विरोध-प्रदर्शन का तरीका होता है। सभी के पास विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़क बंद करने का नहीं।
– यह मामला जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। आप दिल्ली को और दिल्ली के ट्रैफिक को जानते हैं।

– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल इस मामले में नहीं अगर दूसरे मामले में भी सड़क बंद कर के इस तरह प्रदर्शन करते है तो अफरातफरी मचेगी।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह सड़क को बंद करके प्रदर्शन करने से दूसरे लोगों को भी आइडिया आएगा और वो भी ऐसा ही करेंगे।
– कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है लेकिन ये भी कुछ प्रतिबंधों के अधीन है।
– दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शाहीनबाग प्रदर्शनकारियों महिलाओं और बच्चों को ढाल के तौर पर आगे करते हैं।
– कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को मध्यस्थ नियुक्त किया, कोर्ट ने हेगड़े को कहा आप शाहीनबाग जाकर प्रदर्शनकारियों से बात करें और उन्हें प्रदर्शन स्थल बदलने के लिए मनाएं। हेगड़े चाहते हैं कि पुलिसकर्मी उनके साथ चलें।
– कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि ये आसान काम नहीं हैं लेकिन हम ये कर रहे हैं।
– कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा धरने के लिए वैकल्पिक स्थान कौन सा दिया जा सकता है।
– अब अगली सुनवाई सोमवार यानी 24 फरवरी को होगी।

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