November 15, 2024

मन की बातः पीएम मोदी ने कहा- ये दिवाली सुरक्षा बलों के नाम पर समर्पित हो

नई दिल्ली,30 अक्टूबर(इ खबरटुडे)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो पर ‘मन की बात’ के माध्यम से देश को संबोधित कर रहे हैं. ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये 25वां प्रसारण है. पीएम ने देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं.
पीएम ने कहा कि भारत के हर कोने में उत्साह और उमंग के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाता है. वेद-काल से आज तक भारत में जो उत्सवों की परम्परा रही है, वे समयानुकूल परिवर्तन वाले उत्सव रहे हैं. भारत की उत्सव परम्परा, प्रकृति-प्रेम को बलवान बनाने वाली, बालक से लेकर के हर व्यक्ति को संस्कारित करने वाली रही हैं.

आजकल हम संडे को छुट्टी मनाते हैं, लेकिन सदियों से हमारे यहां परम्परा थीं, पूर्णिमा और अमावस्या को छुट्टी मनाने की.दिवाली स्वच्छता का अभियान भी है. समय की मांग है कि पूरे परिसर की सफाई, पूरे गांव की सफाई, इस परंपरा को विस्तृत करना है.दीपावली, ये प्रकाश का पर्व, विश्व समुदाय को भी अंधकार से प्रकाश की ओर लाए जाने का एक प्रेरणा उत्सव बन रहा है.

यह दिवाली सुरक्षा बलों के नाम पर समर्पित हो.
हर देशवासी के दिल में जवानों के प्रति प्यार और गौरव है जिस प्रकार से उसकी अभिव्यक्ति हुई है, ये हर देशवासी को ताकत देने वाली है.हमारे जवान किस-किस प्रकार से कष्ट झेलते हैं. हम जब दिवाली मना रहे हैं, कोई रेगिस्तान में खड़ा है, कोई हिमालय की चोटियों पर. मीडिया ने भी इस दीपोत्सव को सेना के प्रति आभार व्यक्त करने के अवसर में पलट दिया.
सेना के जवान सिर्फ सीमा पर नहीं, जिंदगी के हर मोड़ पर राष्ट्र भावना से प्रेरित हो करके काम करते रहते हैं.ITBP जवान विकास ठाकुर ने 57,000 पंचायत प्रधान को दे दिया और कहा कि जिन 57 घरों में शौचालय नहीं बना है, शौचालय बना दीजिए.मैं हरियाणा प्रदेश का अभिनंदन करना चाहता हूं कि उन्होंने एक बीड़ा उठाया है. हरियाणा प्रदेश को कैरोसिन मुक्त करने का.
गांधीजी कहते थे जब भी योजना बनाए तो पहले गरीब का चेहरा याद करें फिर तय करें कि जो करने जा रहे हैं, उससे गरीब को लाभ होगा कि नहीं.हमारी पुरानी सोच कुछ भी क्यों न हो, लेकिन समाज को बेटे-बेटी के भेद से मुक्त करना ही होगा.सरकार की तरफ से टीकाकरण तो होता ही है, लेकिन फिर भी लाखों बच्चे टीकाकरण से छूट जाते हैं. बीमारी के शिकार हो जाते हैं.कोशिश है 5 करोड़ परिवारों को धुएं से मुक्त जिंदगी देने के लिये जो लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाती है.

सरदार के जन्मदिवस पर हजारों सरदारों को इंदिरा की हत्या के बाद मौत के घाट उतारा.

31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म-जयंती का पर्व है, साथ ही श्रीमती गांधी की पुण्यतिथि भी है.सरदार के जन्मदिवस पर हजारों सरदारो को इंदिरा की हत्या के बाद मौत के घाट उतारा.आजादी के आंदोलन को किसानों तक पहुंचाने में सरदार साहब की बहुत बड़ी अहम भूमिका रही.

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