निर्मला पाटीदार बनी जिपं अध्यक्ष
कांग्रेस की मदद से जीता चुनाव
रतलाम,9 जुलाई( इ खबरटुडे)। जिला पंचायत में पिछले डेढ माह से चल रहे नाटकीय घटनाक्रम का आधा पटाक्षेप आज निर्मला शंकर पाटीदार को अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने के साथ हुआ। भाजपा में उभरी फूट के कारण खराब हुई पार्टी की छबि बचाने की कोशिश पार्टी के नेता अंतिम समय तक करते रहे। चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा नेताओं ने निर्मला पाटीदार को अपना अधिकृत प्रत्याशी बताया,जबकि उधर कांग्रेस के नेता भी निर्मला पाटीदार को अपना प्रत्याशी बता रहे थे।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर लम्बे समय से जारी उहापोह आज नामांकन दाखिल होने के अंतिम क्षण तक बनी रही। भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता जिपं सदस्यों को लेकर पलाश होटल में रुके हुए थे। भाजपा नेता अंतिम समय तक यह तय नहीं कर पाए कि भाजपा की ओर से अधिकृत प्रत्याशी कौन होगा। आखिरकार भाजपा की ओर से निर्मला शंकर पाटीदार और भावना कुंवर दोनो ने नामांकन पत्र दाखिल किए। उधर कांग्रेस की ओर से श्रीमती बबीता देवदा ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामवापसी का समय समाप्त हो जाने तक भाजपा अधिकारिक तौर पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं कर सकी और परिणामत: भाजपा की दोनो महिला सदस्य अध्यक्ष पद के निर्वाचन में शामिल रही। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती बबीता देवदा ने अपना नाम वापस ले लिया। मुकाबला भाजपा के ही दोनो सदस्यों के बीच हुआ।
उल्लेखनीय है कि पूर्व अध्यक्ष अनिता जैन और उपाध्यक्ष दशरथ आंजना को पद से हटाने के लिए भाजपा के जिला मंत्री शंकरलाल पाटीदार ने कांग्रेस नेताओं से गठजोड बनाया था। उसी समय तय हुए फार्मूले के मुताबिक अध्यक्ष पद पर निर्मला पाटीदार को और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस के वीरेन्द्र सिंह को निर्वाचित कराए जाने पर सहमति बनी थी।
भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं को शंकर लाल पाटीदार द्वारा स्पष्ट रुप से कह दिया गया था कि यदि निर्मला पाटीदार का नाम अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के रुप में घोषित नहीं किया गया,तब भी वे नामांकन दाखिल करेंगी और कांग्रेस की मदद से चुनाव जीत जाएगी। आखिरकार पूरी भाजपा को शंकरलाल पाटीदार के आगे घुटने टेकना पडे, और भाजपा ने देर से ही सही निर्मला पाटीदार को अपना अधिकृत प्रत्याशी बता दिया।
उधर दूसरी ओर निर्वाचन प्रक्रिया के बीच में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुर्शीद अनवर ने मीडीया के सामने यह कहा कि निर्मला पाटीदार कांग्रेस की प्रत्याशी है और कांग्रेस की मदद से चुनाव जीतेगी। उन्होने शंकरलाल पाटीदार के भाई दिलीप पाटीदार को कांग्रेस में शामिल करने की घोषणा भी कर डाली। चारो ओर तेजी से यह खबर फैल गई कि शंकर पाटीदार पत्नी समेत कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। हांलाकि चुनाव परिणाम आने के समय शंकरलाल पाटीदार और उनकी नवनिर्वाचित जिपं अध्यक्ष पत्नी दोनों ने ही स्वयं को भाजपा का बताते हुए कांग्रेस में जाने की खबरों का खण्डन कर दिया।
कोर्ट चौराहे पर मौजूद भाजपा नेता इसी बात से अपनी इज्जत बचाने की कोशिश करते रहे कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा की जीत हुई है। हांलाकि उपाध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भाजपा के नेता चुप्पी साध रहे थे। कांग्रेस भाजपा दोनो ही तबकों में हर व्यक्ति यह जानता है कि उपाध्यक्ष का चुनाव अब कांग्रेस प्रत्याशी ही जीतेगा। जिला पंचायत में दस सदस्य होने के बावजूद उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद अब कांग्रेस के खाते में चला जाएगा।
बहरहाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए निर्वाचन का अंतिम परिणाम इस प्रकार रहा। निर्मला शंकर पाटीदार को कुल 13 मत मिले,जबकि भावना कुंवर को दो मत मिले। पूर्व उपाध्यक्ष दशरथ आंजना का मत गोपनीयता न बरतने की वजह से निरस्त कर दिया गया।