निगम अध्यक्ष के भाग्य का फैसला 23 मार्च को
उल्लेखनीय है की भाजपा के सात असंतुष्ट पार्षदों द्वारा भाजपा से त्यागपत्र दिए जाने के बाद गत 6 मार्च को कांग्रेस के 21 पार्षदों ने कलेक्टर राजीव दुबे के समक्ष उपस्थित होकर अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। नगर निगम में कांग्रेस के 22 पार्षद है जबकि भाजपा के 27 पार्षद है। भाजपा के सात पार्षदों द्वारा त्यागपत्र दिए जाने से अब स्थिति पूरी तरह बदली हुई है। अगर भाजपा के असंतुष्ट पार्षद निगम अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग करते है या वोटिंग के समय सदन से अनुपस्थित रहते है तो निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है। हालाँकि भाजपा के नेता ऐसी परिस्थिति से साफ़ इनकार कर रहे है लेकिन असंतुष्ट पार्षदों के तेवर बेहद तीखे है।ऐसे में किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।