नगरीय निकायों के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना
नगरीय निकायों के 13 हजार से अधिक पेंशनर को लाभ
उज्जैन 16 जुलाई (इ खबरटुडे) । नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पेंशन योजना के संचालन के लिए “कंट्रोलर ऑफ पेंशन फॉर लोकल बॉडीज’ के नाम से संचालनालय स्तर पर एक पृथक से बैंक खाता खोला गया है, जिसमें पेंशन निधि जमा की जा रही है।
योजना के संचालन के लिए नगरीय निकायों द्वारा उनकी निकायों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के वेतनमान का अधिकतम 12 प्रतिशत की दर से अंशदान पेंशन निधि में जमा किया जा रहा है। इसके अलावा नगरीय निकायों को देय चुंगी क्षतिपूर्ति अनुदान से भी 20 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि काटकर पेंशन निधि में जमा की जा रही है। प्रदेश के नगरीय निकायों में एक नवम्बर 2010 से नगरीय निकायों के पेंशनरों को राज्य शासन के कर्मचारियों के समान पेंशन प्रदान की जा रही है। प्रदेश में वर्तमान में 13 हजार 82 पेंशनर पेंशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस व्यवस्था से लगभग 9 करोड़ रुपये प्रतिमाह का वित्तीय भार आ रहा है। पिछले वर्ष पेंशन से संबंधित 1025 प्रकरण का निपटारा किया गया। इनमें 20 करोड़ 63 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन एवं रतलाम नगर निगम द्वारा अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिये स्वयं की पेंशन योजना का संचालन किया जा रहा है।
नगरीय निकायों में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से परिवार कल्याण योजना लागू की गई है। अधिकारी-कर्मचारी के वेतन से श्रेणीवार मासिक कटौती की राशि निर्धारित की गई है। इस योजना में अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा में रहते मृत्यु होने पर परिवार के दावेदार को निर्धारित राशि का भुगतान किया जा रहा है। पिछले वर्ष 963 सेवानिवृत्त-मृतक कर्मचारियों के परिजन को 2 करोड़ 45 लाख रुपये का भुगतान किया गया।